आयुष्मान भारत योजना के सात वर्ष: सार्वजनिक स्वास्थ्य में एक क्रांतिकारी परिवर्तन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 23 सितंबर को देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत सार्वजनिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक “क्रांति” का अनुभव कर रहा है, और इसका श्रेय जाता है ‘आयुष्मान भारत’ योजना को, जिसने अपने सफल सात वर्ष पूरे कर लिए हैं। यह योजना भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए बनाई गई थी, ताकि सभी को गुणवत्तापूर्ण और किफायती स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित की जा सके।

विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना

‘आयुष्मान भारत – प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना’ (AB-PMJAY) को दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य आश्वासन योजना माना जाता है। इसके अंतर्गत अब तक 41 करोड़ से अधिक आयुष्मान कार्ड जारी किए जा चुके हैं, जो लाभार्थियों को सीधे इलाज स्थल पर कैशलेस चिकित्सा सेवा का लाभ प्रदान करते हैं। यह योजना अब तक 55 करोड़ से अधिक नागरिकों तक पहुँच चुकी है, जिससे करोड़ों लोगों को वित्तीय सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में गरिमा प्राप्त हुई है।

आंकड़ों में योजना की सफलता

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2015 से 2022 के बीच सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यय में 29% से बढ़कर 48% तक की वृद्धि हुई है, जबकि व्यक्तिगत जेब से खर्च (Out-of-pocket expenditure) 63% से घटकर 39% रह गया है। यह बदलाव दर्शाता है कि सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं में सक्रिय भागीदारी आम जन की वित्तीय स्थिति को भी सुदृढ़ बना रही है।

प्राथमिक और निवारक स्वास्थ्य सेवा की दिशा में

आयुष्मान भारत योजना का एक महत्वपूर्ण पक्ष ‘निवारक स्वास्थ्य सेवा’ है। अब तक 55 करोड़ से अधिक हाइपरटेंशन और 48 करोड़ से अधिक डायबिटीज की स्क्रीनिंग ‘आयुष्मान आरोग्य मंदिरों’ में की जा चुकी है। इसके अतिरिक्त, 5.7 करोड़ योग और ध्यान सत्र आयोजित किए गए हैं और लगभग 1.8 लाख आरोग्य मंदिर स्थापित किए जा चुके हैं।

गंभीर चिकित्सा सेवाओं तक बेहतर पहुंच

इस योजना के अंतर्गत डायलिसिस, कैंसर उपचार और प्रमुख सर्जरी जैसी सेवाएं भी शामिल हैं। उदाहरण के लिए, प्रत्येक डायलिसिस सत्र पर परिवारों ने औसतन ₹10,000–15,000 की बचत की है, और कैंसर उपचार तक पहुँच में 90% की वृद्धि हुई है। इसके अलावा, योजना प्रतिवर्ष लगभग 6 करोड़ भारतीयों को स्वास्थ्य खर्च के कारण गरीबी में जाने से रोकती है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • आयुष्मान भारत योजना का शुभारंभ: 2018 में
  • लाभार्थी नागरिक: 55 करोड़ से अधिक
  • जारी किए गए आयुष्मान कार्ड: 41 करोड़+
  • स्थापित ‘आयुष्मान आरोग्य मंदिर’: 1.8 लाख+
  • व्यक्तिगत खर्च में गिरावट: 63% से 39%
  • योजना से हुई बचत: ₹1.25 लाख करोड़ से अधिक
  • लाभ: डायलिसिस, कैंसर उपचार, बड़ी सर्जरी, स्क्रीनिंग, योग व ध्यान सत्र आदि

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