आम उत्पादकों को राहत: केंद्र सरकार ने घोषित की ₹1,616 प्रति क्विंटल की बाजार हस्तक्षेप कीमत

कर्नाटक के आम किसानों के लिए एक बड़ी राहत की घोषणा करते हुए केंद्र सरकार ने 2025-26 के लिए बाज़ार हस्तक्षेप योजना (Market Intervention Scheme – MIS) के तहत आम की फसल के लिए ₹1,616 प्रति क्विंटल की कीमत तय की है। यह निर्णय दक्षिण कर्नाटक क्षेत्र के किसानों को बाजार में कीमतों में भारी गिरावट के चलते हो रही आर्थिक कठिनाइयों से उबारने के लिए लिया गया है।
किसानों की मांग पर केंद्र की त्वरित प्रतिक्रिया
यह निर्णय केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री एच.डी. कुमारस्वामी को लिखे पत्र के माध्यम से घोषित किया गया। इससे पहले मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और कृषि मंत्री एन. चेलुवरायास्वामी ने भी केंद्र सरकार से तत्काल हस्तक्षेप और सहायता की मांग की थी। पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवगौड़ा ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कृषि मंत्री को पत्र लिखकर आम उत्पादकों की स्थिति पर ध्यान देने की अपील की थी।
योजना का लाभ और उद्देश्य
इस योजना के अंतर्गत 2.5 लाख टन तक आम की खरीद का लक्ष्य रखा गया है। बाज़ार हस्तक्षेप मूल्य तय करने का उद्देश्य यह है कि जब बाजार में कीमतें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से नीचे चली जाएं, तब किसानों को सरकार द्वारा सहायता मिल सके।
इसके अलावा, नीति आयोग द्वारा प्रस्तावित “मूल्य अंतर भुगतान योजना” (Price Deficiency Payment Scheme – PDPS) भी किसानों के लिए लाभकारी हो सकती है। इसके तहत किसानों को MSP और बाजार मूल्य के अंतर का एक निश्चित प्रतिशत (जैसे 70%) सीधा उनके आधार-लिंक्ड बैंक खाते में DBT के माध्यम से दिया जाएगा।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- बाज़ार हस्तक्षेप योजना (MIS) का उद्देश्य ऐसे फलों और सब्ज़ियों की कीमत को स्थिर रखना है, जिनकी अधिक आपूर्ति से किसानों को नुकसान हो सकता है।
- PDPS के तहत किसानों को APMC मंडी में पंजीकरण कराना अनिवार्य है और बोई गई फसल की जानकारी देनी होती है।
- PDPS के लाभों में सरकारी खरीद, भंडारण और वितरण की लागत में कमी, फसल पैटर्न में उपभोक्ता मांग के अनुसार लचीलापन और खाद्य सब्सिडी में नियंत्रण शामिल है।
- कर्नाटक के कोलार, चिक्कबल्लापुर, और रामनगर जैसे जिलों में आम उत्पादन सबसे अधिक होता है।
किसानों की प्रतिक्रिया
कोलार जिला आम उत्पादक संघ के अध्यक्ष नीलतुरु चिन्नप्पा रेड्डी ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए इसे आम किसानों के लिए “बहुत आवश्यक राहत” बताया। उन्होंने केंद्र और राज्य दोनों सरकारों से किसानों को आगे भी समर्थन देने की अपील की।
केंद्र सरकार की यह पहल बाजार में फसल मूल्यों में अस्थिरता के समय किसानों की आय को सुरक्षित रखने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है। यदि इसे प्रभावी रूप से लागू किया गया, तो यह योजना अन्य फसलों के लिए भी एक उदाहरण बन सकती है।