आपदा-रोधी भारत की दिशा में बड़ा कदम: 9 राज्यों के लिए 4,645 करोड़ रुपये की परियोजनाएं स्वीकृत

आपदा-रोधी भारत की दिशा में बड़ा कदम: 9 राज्यों के लिए 4,645 करोड़ रुपये की परियोजनाएं स्वीकृत

केंद्र सरकार ने देश को आपदा-रोधी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए 9 राज्यों के लिए ₹4,645.60 करोड़ की आपदा न्यूनीकरण, पुनर्प्राप्ति और पुनर्निर्माण परियोजनाओं को मंजूरी दी है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति (HLC) ने इन परियोजनाओं को स्वीकृति दी, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “डिजास्टर-रेसिलिएंट इंडिया” विजन के अनुरूप हैं।

ब्रह्मपुत्र घाटी में बाढ़ प्रबंधन का पायलट प्रोजेक्ट

इस स्वीकृति में सबसे प्रमुख योजना असम के लिए है, जहां ब्रह्मपुत्र नदी बेसिन के नौ जिलों में फैले 24 वेटलैंड्स के पुनरुद्धार और संरक्षण के लिए ₹692.05 करोड़ आवंटित किए गए हैं। इस पायलट योजना का उद्देश्य बाढ़ जल संचयन बढ़ाना, कटाव से सुरक्षा, जलीय पारिस्थितिकी तंत्र का संरक्षण और मत्स्य पालन ढांचे को सुदृढ़ करना है। इसमें केंद्र सरकार 75% (₹519.04 करोड़) योगदान देगी, जबकि असम सरकार शेष 25% वहन करेगी। दीर्घकालीन लक्ष्य ब्रह्मपुत्र घाटी को “बाढ़-प्रूफ” बनाना है।

शहरी बाढ़ प्रबंधन के लिए नई पहल

शहरी बाढ़ जोखिम प्रबंधन कार्यक्रम (UFRMP) के दूसरे चरण के अंतर्गत 11 संवेदनशील शहरों को शामिल किया गया है — भोपाल, भुवनेश्वर, गुवाहाटी, जयपुर, कानपुर, पटना, रायपुर, तिरुवनंतपुरम, विशाखापत्तनम, इंदौर और लखनऊ। इस योजना पर कुल ₹2,444.42 करोड़ खर्च होंगे, जिसमें केंद्र और राज्यों के बीच 90:10 की लागत साझा प्रणाली अपनाई जाएगी। विशेष रूप से गुवाहाटी के लिए ₹200 करोड़ की अतिरिक्त परियोजना को भी मंजूरी दी गई है, जिसमें बाढ़ दीवारें, कटाव नियंत्रण, जलनिकासी प्रबंधन और पूर्व चेतावनी प्रणाली शामिल हैं।

प्राकृतिक आपदाओं से पुनर्निर्माण के लिए सहायता

असम और केरल में 2022 की बाढ़ और भूस्खलन तथा 2024 के वायनाड भूस्खलन के बाद पुनर्निर्माण हेतु भी क्रमशः ₹1,270.78 करोड़ और ₹260.56 करोड़ की मंजूरी दी गई है। यह केंद्रीय सरकार द्वारा पहले से स्वीकृत ₹3,075.65 करोड़ के मेट्रो शहरों के लिए बाढ़ जोखिम कार्यक्रमों और विभिन्न प्रकार की आपदाओं जैसे भूस्खलन, ग्लेशियल झील विस्फोट, जंगल की आग, बिजली गिरना और सूखा को ध्यान में रखकर बनाई गई परियोजनाओं का विस्तार है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • राष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण कोष (NDMF) से सहायता देने वाले प्रस्ताव पहली बार 2005 की आपदा प्रबंधन नीति के तहत बने थे।
  • SDRF (राज्य आपदा राहत कोष) और NDRF (राष्ट्रीय आपदा राहत कोष) राज्यों को आपदा से पहले और बाद में वित्तीय सहायता देने के लिए बनाए गए हैं।
  • गुवाहाटी, जो बार-बार बाढ़ और कटाव का सामना करता है, भारत के सबसे अधिक जलवायु-संवेदनशील शहरों में से एक माना जाता है।
  • FY26 के लिए SDRF के तहत 27 राज्यों को ₹13,578.80 करोड़ और NDRF के तहत 12 राज्यों को ₹2,024.04 करोड़ पहले ही वितरित किए जा चुके हैं।
Originally written on October 4, 2025 and last modified on October 4, 2025.

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