‘आपका धन, आपका अधिकार’ अभियान: भूली-बिसरी रकम लौटाने की राष्ट्रीय पहल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से आग्रह किया है कि वे ‘आपका धन, आपका अधिकार’ नामक राष्ट्रीय पहल के तहत वर्षों से छुपी या भूली हुई धनराशि को पुनः प्राप्त करने के लिए सक्रिय रूप से भाग लें। यह अभियान सरकार की वित्तीय पारदर्शिता और जनहित की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जिसका उद्देश्य निष्क्रिय पड़ी संपत्तियों को उनके वास्तविक मालिकों तक पहुँचाना है।
वित्तीय सशक्तिकरण की दिशा में सामूहिक कदम
इस अभियान के माध्यम से आम नागरिकों को यह प्रेरणा दी जा रही है कि वे बैंकों में छोड़े गए निष्क्रिय जमा, बीमा कंपनियों के अप्राप्त दावे, म्यूचुअल फंड की बची हुई राशि और लाभांश की लंबित रकम को खोजें और प्राप्त करें। प्रधानमंत्री मोदी ने इसे समावेशी वित्तीय प्रणाली की ओर एक सामूहिक आंदोलन करार दिया है, जहाँ प्रत्येक नागरिक अपने हक की धनराशि को उपयोग में लाकर उसे सार्थक अवसरों में बदल सके।
विभिन्न क्षेत्रों में निष्क्रिय धन की स्थिति
हालिया आंकड़ों से स्पष्ट है कि बैंकों के पास हजारों करोड़ रुपये निष्क्रिय खातों के रूप में पड़े हैं। बीमा कंपनियों के पास भी बड़ी मात्रा में अप्राप्त दावों की राशि मौजूद है। वहीं, म्यूचुअल फंड्स और लाभांश खातों में भी करोड़ों की रकम वर्षों से बिना दावे के पड़ी है। यह धनराशि उन परिवारों की मेहनत की कमाई है, जो किसी कारणवश समय पर प्राप्त नहीं हो सकी।
दावों की प्रक्रिया को आसान बनाने वाले पोर्टल
नागरिकों की सुविधा के लिए सरकार ने कई डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की शुरुआत की है:
- UDGAM पोर्टल: निष्क्रिय बैंक खातों की जानकारी प्राप्त करने के लिए।
- बीमा भरोसा पोर्टल: अप्राप्त बीमा दावों के लिए।
- MITRA पोर्टल: म्यूचुअल फंड से संबंधित जानकारी के लिए।
- IEPFA पोर्टल: लाभांश संबंधी दावों के लिए, जो कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय द्वारा संचालित है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- ‘आपका धन, आपका अधिकार’ अभियान अक्टूबर 2025 में शुरू हुआ।
- अब तक 477 जिलों में जागरूकता और सुविधा शिविर लगाए जा चुके हैं।
- लगभग ₹2,000 करोड़ की राशि नागरिकों को लौटाई जा चुकी है।
- प्रमुख पोर्टल्स में UDGAM, बीमा भरोसा, MITRA और IEPFA शामिल हैं।
यह अभियान न केवल नागरिकों को उनके धन का अधिकार दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है, बल्कि यह भारत की वित्तीय समावेशन की प्रक्रिया को भी मजबूत करता है। विशेष रूप से ग्रामीण और दूरदराज़ के क्षेत्रों में इस अभियान की पहुँच बढ़ाकर, सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि कोई भी नागरिक अपने मेहनत की कमाई से वंचित न रहे।