आत्मनिर्भर भारत की ओर निर्णायक कदम: भारतीय सेना द्वारा अत्याधुनिक युद्ध तकनीकों का परीक्षण

भारतीय सेना इन दिनों देश के प्रमुख सैन्य परीक्षण स्थलों — पोखरण, बबीना, जोशीमठ, आगरा और गोपालपुर — में एक बड़े पैमाने पर क्षमता विकास प्रदर्शन आयोजित कर रही है। ये परीक्षण अत्याधुनिक युद्ध तकनीकों के मूल्यांकन के लिए लगभग युद्ध जैसे हालात में किए जा रहे हैं, जिनमें इलेक्ट्रॉनिक युद्ध (EW) सिमुलेशन को भी शामिल किया गया है।

प्रदर्शन की रूपरेखा और उद्देश्य

27 मई 2025 को सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने बबीना फील्ड फायरिंग रेंज का दौरा किया और चल रहे प्रदर्शनों की समीक्षा की। यह पहल भारतीय सेना के “Transformation के दशक” की दिशा में एक ठोस कदम है, जिसका उद्देश्य नवीनतम रक्षा प्रौद्योगिकियों को तेज़ी से अपनाना और भविष्य के युद्धक्षेत्र की आवश्यकताओं के अनुरूप स्वयं को तैयार करना है।

परीक्षण की जा रही प्रमुख प्रणालियाँ

इन परीक्षणों में निम्नलिखित उन्नत स्वदेशी रक्षा प्रणालियाँ शामिल हैं:

  • Unmanned Aerial Systems (UAS)
  • UAV-लॉन्च की गई प्रिसिजन गाइडेड म्यूनिशन (ULPGM)
  • Runway Independent Remotely Piloted Aerial Systems (RPAS)
  • Counter-UAS समाधान
  • Loitering Munitions
  • Specialised Vertical Launch (SVL) Drones
  • Precision Multi Munition Delivery Systems
  • Integrated Drone Detection and Interdiction System (IDDIS)
  • Low Level Light Weight Radars
  • VSHORADS (अगली पीढ़ी की इंफ्रारेड प्रणाली)
  • एडवांस्ड इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर प्लेटफॉर्म्स

रक्षा नवाचार में निजी क्षेत्र की भागीदारी

इन परीक्षणों में बड़ी संख्या में रक्षा उद्योग भागीदार शामिल हैं, जो भारतीय सेना और घरेलू निर्माताओं के बीच बढ़ती समन्वयता को दर्शाता है। ये परीक्षण “आत्मनिर्भर भारत” अभियान के तहत स्वदेशी क्षमताओं के विकास को तेज़ करने की दिशा में निर्णायक हैं।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • Operation Sindoor: इस सैन्य अभियान में भारत ने पूर्णतः स्वदेशी प्रणालियों का प्रयोग किया, जिनमें आकाश मिसाइल प्रणाली और स्वयं निर्मित एयर डिफेंस नेटवर्क शामिल हैं।
  • स्वदेशी रडार नेटवर्क: भारत ने विदेशी विक्रेताओं पर निर्भर हुए बिना बहु-स्रोत रडारों का समेकित नेटवर्क विकसित किया है।
  • VSHORADS: यह ‘Very Short Range Air Defence System’ का अगला संस्करण है, जो दुश्मन के ड्रोन और कम ऊंचाई वाले हवाई हमलों को रोकने में सक्षम है।
  • Loitering Munitions: ये आत्मघाती ड्रोन जैसे हथियार होते हैं जो लक्ष्य के ऊपर मंडराते हैं और सही समय पर हमला करते हैं।
  • STEM स्नातक उत्पादन: भारत विश्व का सबसे बड़ा STEM स्नातक उत्पादन करने वाला देश है, जिसे रक्षा नवाचार में शामिल किया जा रहा है।

भारतीय सेना का यह प्रयास न केवल सैन्य क्षमता बढ़ाने का माध्यम है, बल्कि यह देश की आत्मनिर्भर रक्षा प्रणाली की दिशा में एक साहसिक और दूरदर्शी कदम है। यह देश के रक्षा ढांचे को 21वीं सदी की युद्ध आवश्यकताओं के अनुरूप ढालने का प्रमाण है।

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