आज केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच 7वें दौर की बातचीत आयोजित की जाएगी

आज केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच 7वें दौर की बातचीत आयोजित की जाएगी

आज नई दिल्ली में किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच 7वें दौर की वार्ता आयोजित की जाएगी। इससे पहले, सरकार और किसान संगठनों के बीच 6वें दौर की बातचीत 30 दिसम्बर को हुई थी।

मुख्य बिंदु

गौरतलब है कि पिछली  बैठक के दौरान कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसान नेताओं को आश्वासन दिया था कि सरकार उनकी समस्याओं को हल करने के लिए प्रतिबद्ध है और दोनों पक्षों को सौहार्दपूर्ण समाधान के लिए कदम उठाने की जरूरत है। उन्होंने कहा, बैठक के दौरान चार में से दो मुद्दों पर सहमति बनी। श्री तोमर ने कहा कि पहला मुद्दा पर्यावरण से संबंधित अध्यादेश था और दूसरा विद्युत अधिनियम पर था। नरेन्द्र तोमर ने किसान संगठनों को यह भी आश्वासन दिया था कि एमएसपी और मंडी प्रणाली पहले की तरह जारी रहेगी।

किसान विरोध क्यों कर रहे हैं?

भारत सरकार द्वारा पारित किये तीन कृषि सुधार विधेयकों के खिलाफ किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इन कानूनों को सितंबर 2020 में लागू किया गया था। इस कानूनों ने कृषि उत्पादों की बिक्री, मूल्य निर्धारण और भंडारण के नियमों में थोड़ी ढील दी है।

इन कानूनों से असहमति के कारण किसानों ने एक शांतिपूर्ण विरोध शुरू किया, इस आन्दोलन को ‘दिल्ली चलो’ नाम दिया है। इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व अधिकांश पंजाबी और सिख किसान कर रहे हैं।

किसानों की चिंता

किसानों को भय है कि नए कृषि बिल उनकी आजीविका के लिए खतरा हैं।

Originally written on January 4, 2021 and last modified on January 4, 2021.

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