आज़िम प्रेमजी को मिला ISB रिसर्च कैटलिस्ट अवॉर्ड, भारत के ज्ञान तंत्र में योगदान के लिए सम्मान
विप्रो के संस्थापक चेयरमैन आज़िम प्रेमजी को भारत में अनुसंधान और ज्ञान पारिस्थितिकी (knowledge ecosystem) को मजबूत करने में उनके लंबे योगदान के लिए भारतीय प्रबंधन संस्थान (ISB) द्वारा ISB रिसर्च कैटलिस्ट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान मोहाली कैंपस में आयोजित तीसरे इनसाइट्स फोरम के दौरान प्रदान किया गया।
अनुसंधान संस्कृति को प्रोत्साहन देने की मान्यता
यह पुरस्कार उन व्यक्तियों को दिया जाता है जिन्होंने समाज की आवश्यकताओं के अनुरूप प्रमाण-आधारित अनुसंधान (evidence-based inquiry) और प्रभावशाली शोध संस्कृति को बढ़ावा दिया हो। प्रेमजी के डेटा-आधारित समस्या समाधान के दृष्टिकोण, अनुसंधान संस्थानों के लिए उनके परोपकारी समर्थन, और सार्वजनिक हित से प्रेरित अकादमिक पहलों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को इस सम्मान के प्रमुख कारणों के रूप में रेखांकित किया गया।
इनसाइट्स फोरम: सहयोग और विचार-विमर्श का मंच
इनसाइट्स फोरम हर वर्ष शिक्षाविदों, उद्योग, सरकार और परोपकार के प्रतिनिधियों को एक साथ लाता है, ताकि राष्ट्रीय और वैश्विक चुनौतियों के समाधान के लिए कार्यान्वयन योग्य अनुसंधान एजेंडा तैयार किया जा सके। इस वर्ष के आयोजन में शिक्षाविदों और व्यावहारिक क्षेत्र के विशेषज्ञों के बीच संबंधों को मजबूत करने पर बल दिया गया, जिससे शोध के परिणाम प्रबंधन सोच और नीति निर्माण में उपयोगी बन सकें।
भारत के ज्ञान और अनुसंधान ढांचे को सशक्त बनाना
कार्यक्रम के वक्ताओं ने कहा कि भारत का विस्तृत हो रहा अनुसंधान परिदृश्य बहु-क्षेत्रीय सहयोग और दीर्घकालिक निवेश की मांग करता है। आज़िम प्रेमजी की भूमिका उन कार्यक्रमों के निर्माण में महत्वपूर्ण रही है जो कठोर अकादमिक शोध, क्षमता निर्माण और नवाचार को प्रोत्साहित करते हैं। यह प्रयास भारत में एक मजबूत ज्ञान अवसंरचना के निर्माण की दिशा में अहम योगदान है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- ISB रिसर्च कैटलिस्ट अवॉर्ड भारत के अनुसंधान और ज्ञान पारिस्थितिकी में योगदान के लिए दिया जाता है।
- आज़िम प्रेमजी को यह सम्मान मोहाली में आयोजित ISB इनसाइट्स फोरम में प्रदान किया गया।
- फोरम का उद्देश्य शिक्षाविदों, उद्योग और सरकार के बीच सहयोग को प्रोत्साहित करना है।
- ISB प्रमाण-आधारित अनुसंधान के माध्यम से राष्ट्रीय चुनौतियों का समाधान विकसित करने पर केंद्रित है।
अनुसंधान और उद्योग के बीच संबंधों पर जोर
फोरम ने इस बात पर विशेष बल दिया कि शैक्षणिक अनुसंधान को व्यावहारिक समाधान में बदलने वाले सहयोग अब पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हैं। ISB ने अपने अनुप्रयुक्त अनुसंधान (applied research) कार्यक्रमों और शिक्षाविदों व उद्योग जगत के बीच संवाद को बढ़ावा देने वाली पहलों को प्रस्तुत किया, जिससे भारत की नवाचार क्षमता (innovation capacity) को नई दिशा और गति मिलने की उम्मीद है।