आईसीटी क्षेत्र में भारत-जापान समझौता ज्ञापन : मुख्य बिंदु

आईसीटी क्षेत्र में भारत-जापान समझौता ज्ञापन : मुख्य बिंदु

भारत और जापान ने हाल ही में सूचना और संचार प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते में 5G का मानकीकरण भी शामिल था।

मुख्य बिंदु

भारत और जापान स्मार्ट शहरों, स्पेक्ट्रम प्रबंधन, असंबद्ध क्षेत्रों में ब्रॉडबैंड, सार्वजनिक सुरक्षा और आपदा प्रबंधन के लिए दूरसंचार सुरक्षा, 5G टेक्नोलॉजी इत्यादि के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देंगे।

भारत-जापान

सितंबर 2020 में, भारत और जापान ने सैन्य लॉजिस्टिक्स समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इस समझौते ने दोनों देशों को पारस्परिक आधार पर आपूर्ति और सेवाओं का आदान-प्रदान करने की अनुमति दी। जापान ऐसा छठा देश था जिसके साथ भारत ने इस प्रकार के समझौते पर हस्ताक्षर किये है। इससे पहले भारत ने अमेरिका, फ्रांस, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया और ऑस्ट्रेलिया के साथ इस प्रकार के समझौते पर हस्ताक्षर किये है।

जापान ने 30% भारतीय हवाई जहाजों के निर्माण के लिए प्रतिबद्धता ज़ाहिर की है। इससे भारत के रक्षा विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा।

भारत-जापान परमाणु समझौता

भारत और जापान ने 2015 में परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इस समझौते के तहत, जापान भारत को परमाणु रिएक्टर, ईंधन और प्रौद्योगिकी की आपूर्ति कर सकता है। इस समझौते में भारत को 1,000 मेगावाट से अधिक क्षमता वाले परमाणु रिएक्टर खरीदने की अनुमति है। भारत को जापान से परमाणु ब्रीडर तकनीक और परमाणु ईंधन निर्माण तकनीक मिलेगी। भारत एकमात्र गैर-एनपीटी (परमाणु अप्रसार संधि-Non-Proliferation Treaty) हस्ताक्षरकर्ता है जिसके साथ जापान ने एक नागरिक परमाणु समझौते में प्रवेश किया है।

सैन्य अभ्यास

भारत और जापान की सेनाओं ने 2018 में पहला “धर्म गार्डियन” अभ्यास आयोजित किया था। इसके अलावा, भारतीय और जापानी वायु सेना ने 2018 में अपना पहला द्विपक्षीय अभ्यास “शिन्यु मैत्री” आयोजित किया था। भारत और जापान नियमित रूप से ‘मालाबार’ नौसैनिक अभ्यास आयोजित करते हैं।

Originally written on January 16, 2021 and last modified on January 16, 2021.

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