आईआईटी पालक्काड में पीएम विकास योजना के तहत 400 अल्पसंख्यक युवाओं को तकनीकी प्रशिक्षण मिलेगा

आईआईटी पालक्काड में पीएम विकास योजना के तहत 400 अल्पसंख्यक युवाओं को तकनीकी प्रशिक्षण मिलेगा

भारत सरकार के अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने 8 अक्टूबर 2025 को केरल के पालक्काड में स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) पालक्काड के साथ एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए। यह साझेदारी प्रधानमंत्री विरासत का संवर्धन (PM VIKAS) योजना के अंतर्गत एक विशेष कौशल विकास परियोजना को मूर्त रूप देने के लिए की गई है, जिसका उद्देश्य केरल के अल्पसंख्यक समुदायों के युवाओं को भविष्य के लिए आवश्यक तकनीकी क्षमताओं से लैस करना है।

प्रशिक्षण कार्यक्रम की रूपरेखा

इस समझौते के तहत IIT पालक्काड इस परियोजना का क्रियान्वयन संस्थान होगा, जो कुल 400 उम्मीदवारों को प्रशिक्षित करेगा। इनमें से 150-150 युवाओं को जूनियर चिप डिज़ाइनर और एम्बेडेड सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा। वहीं 100 उम्मीदवारों को ड्रोन अनुसंधान एवं विकास (Drone R&D) के क्षेत्र में जूनियर इंजीनियर के तौर पर प्रशिक्षित किया जाएगा।
प्रशिक्षण की संपूर्ण लागत भारत सरकार के अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा वहन की जाएगी। प्रशिक्षण के दौरान उम्मीदवारों को वजीफा भी मिलेगा और प्रशिक्षण पूर्ण होने पर उन्हें रोजगार और स्वरोजगार के अवसरों में मार्गदर्शन तथा सहायता प्रदान की जाएगी।

कार्यक्रम का शुभारंभ और उद्देश्य

इस अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री (अल्पसंख्यक कार्य एवं मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी) श्री जॉर्ज कुरियन मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने अपने संबोधन में बताया कि पीएम विकास योजना भारत सरकार की एक प्रमुख पहल है, जिसका उद्देश्य अल्पसंख्यक समुदायों को कौशल विकास और उद्यमिता के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाना है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की योजनाएँ युवाओं की रोजगार क्षमता को बढ़ाने, नवाचार को प्रोत्साहन देने और दीर्घकालिक आजीविका के अवसर उत्पन्न करने में सहायक होती हैं।
इस आयोजन में मंत्रालय के सचिव डॉ. चंद्र शेखर कुमार, आईआईटी पालक्काड के निदेशक प्रो. ए. शेषाद्रि शेखर, संबंधित मंत्रालय एवं संस्थान के अधिकारी, शिक्षाविद्, छात्र एवं पीएम विकास के इच्छुक प्रतिभागी उपस्थित रहे।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • पीएम विकास योजना अल्पसंख्यक समुदायों के लिए कौशल विकास, पारंपरिक शिल्प संवर्धन और उद्यमिता को बढ़ावा देने वाली केंद्रीय योजना है।
  • IIT पालक्काड की स्थापना वर्ष 2015 में हुई थी और यह संस्थान राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों में शामिल है।
  • इस परियोजना में जिन तकनीकी क्षेत्रों का चयन किया गया है, वे वर्तमान में उच्च मांग वाले और भविष्य की नौकरियों से जुड़े क्षेत्र हैं: चिप डिज़ाइन, एम्बेडेड सिस्टम्स और ड्रोन तकनीक।
  • योजना के तहत प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले युवाओं को न केवल तकनीकी ज्ञान मिलेगा, बल्कि रोजगार और स्वरोजगार के लिए आवश्यक मार्गदर्शन व नेटवर्किंग सहायता भी दी जाएगी।
Originally written on October 10, 2025 and last modified on October 10, 2025.

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