आईआईएससी वैज्ञानिकों ने विकसित किया नया नैनोएंजाइम, असामान्य रक्त जमाव को रोकने में मिल सकती है सफलता

भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) के वैज्ञानिकों ने एक कृत्रिम धातु-आधारित नैनोएंजाइम विकसित किया है, जो फेफड़ों में थ्रोम्बोएम्बोलिज्म (Pulmonary Thromboembolism – PTE) जैसी स्थितियों में असामान्य रक्त जमाव को रोकने में प्रभावी हो सकता है। यह शोध प्रोफेसर जी. मुगेश के नेतृत्व में रासायनिक विभाग द्वारा किया गया है।

रक्त जमाव और उसकी चुनौतियाँ

सामान्य परिस्थितियों में जब कोई रक्त वाहिका क्षतिग्रस्त होती है, तो प्लेटलेट्स नामक विशेष रक्त कोशिकाएँ सक्रिय होकर चोटिल स्थान पर एकत्रित हो जाती हैं और थक्का बनाती हैं। इस प्रक्रिया को हैमॉस्टेसिस कहा जाता है, जो विभिन्न प्रोटीनों के जटिल इंटरैक्शन से संचालित होती है। परंतु PTE या COVID-19 जैसी बीमारियों में, शरीर में ऑक्सीडेटिव तनाव और रिएक्टिव ऑक्सीजन स्पीशीज (ROS) की मात्रा असामान्य रूप से बढ़ जाती है, जिससे प्लेटलेट्स अत्यधिक सक्रिय हो जाती हैं और रक्त वाहिकाओं में अधिक थक्के बन जाते हैं — यह स्थिति थ्रोम्बोसिस कहलाती है।

नैनोएंजाइम कैसे करता है कार्य

IISc के वैज्ञानिकों ने ऐसे नैनोमैटीरियल्स तैयार किए हैं जो प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट एंजाइम की तरह कार्य करते हैं। ये ROS को कम करते हैं, जिससे प्लेटलेट्स की अत्यधिक सक्रियता को रोका जा सकता है। खासकर vanadium pentoxide (V2O5) से बने गोल आकार के नैनोएंजाइम्स सबसे प्रभावी पाए गए। ये glutathione peroxidase नामक प्राकृतिक एंजाइम की नकल करते हैं, जो ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में सहायक होता है।

प्रायोगिक परीक्षण और परिणाम

वैज्ञानिकों ने यह नैनोएंजाइम PTE के चूहे मॉडल पर इंजेक्ट किया, जिससे थ्रोम्बोसिस में उल्लेखनीय कमी आई और चूहों की जीवन प्रत्याशा में वृद्धि देखी गई। पांच दिनों तक चूहों के वजन, व्यवहार और रक्त मानकों की निगरानी के दौरान कोई विषाक्त प्रभाव नहीं पाया गया।
इसके अलावा, यह नैनोएंजाइम इंसानी प्लेटलेट्स पर भी परीक्षण किया गया और परिणाम सकारात्मक रहे। अब यह टीम इसे इस्केमिक स्ट्रोक जैसी स्थितियों में भी जांचने की योजना बना रही है, जहाँ रक्त वाहिकाओं का अवरोध कारण होता है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • थ्रोम्बोसिस: यह एक घातक स्थिति है जिसमें रक्त वाहिकाओं में थक्के बन जाते हैं, जिससे रक्त संचार बाधित होता है।
  • Pulmonary Thromboembolism (PTE): यह एक गंभीर बीमारी है जिसमें फेफड़ों की धमनियों में थक्का फंस जाता है, जिससे सांस की तकलीफ और मौत तक हो सकती है।
  • Reactive Oxygen Species (ROS): ये अत्यधिक प्रतिक्रियाशील अणु होते हैं जो कोशिकीय क्षति का कारण बन सकते हैं।
  • Glutathione Peroxidase: यह एक प्रमुख एंटीऑक्सीडेंट एंजाइम है जो शरीर में मुक्त कणों से रक्षा करता है।
  • Vanadium Pentoxide (V2O5): एक अकार्बनिक यौगिक है जो इसमें पाए जाने वाले वैनाडियम तत्व की वजह से विशेष रेडॉक्स गतिविधियों के लिए जाना जाता है।

यह खोज भविष्य में रक्त जमाव से जुड़ी बीमारियों के उपचार में एक बड़ा बदलाव ला सकती है और मानव जीवन को सुरक्षित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। वैज्ञानिकों को इस खोज से मानव नैदानिक परीक्षणों में सफलता की भी आशा है।

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