आंध्र प्रदेश में ₹1.5 लाख करोड़ की ग्रीनफील्ड स्टील परियोजना को मिली मंजूरी
भारत सरकार के पर्यावरण मंत्रालय ने आर्सेलर मित्तल निप्पॉन स्टील (AMNS) की आंध्र प्रदेश के अनकापल्ली जिले के नक्कापल्ली में प्रस्तावित ग्रीनफील्ड स्टील संयंत्र को मंजूरी दे दी है। यह ₹1.5 लाख करोड़ की लागत वाली परियोजना देश की अब तक की सबसे बड़ी ग्रीनफील्ड स्टील निवेश योजना है, जो न केवल औद्योगिक विकास को बढ़ावा देगी बल्कि क्षेत्रीय रोजगार के नए अवसर भी सृजित करेगी।
भारत की सबसे बड़ी ग्रीनफील्ड स्टील परियोजना
AMNS संयंत्र की आरंभिक स्थापित क्षमता 8.2 मिलियन टन प्रतिवर्ष (MTPA) होगी, जिसे आगे चलकर 24 MTPA तक विस्तारित किया जाएगा। यह परियोजना बहु-चरणों में विकसित की जाएगी, जिसमें उन्नत, ऊर्जा-कुशल और निम्न-उत्सर्जन वाली तकनीकों का उपयोग होगा। यह संयंत्र अंतरराष्ट्रीय स्थिरता मानकों के अनुरूप एक एकीकृत स्टील इकोसिस्टम के रूप में कार्य करेगा।
आर्थिक और औद्योगिक दृष्टि से रणनीतिक महत्व
एक बार जब यह संयंत्र चालू हो जाएगा, तब यह आंध्र प्रदेश औद्योगिक कॉरिडोर के लिए एक एंकर इंडस्ट्री के रूप में कार्य करेगा। इससे स्टील-आधारित डाउनस्ट्रीम इकाइयाँ, मशीनरी उत्पादन क्लस्टर और लॉजिस्टिक्स नेटवर्क का विकास होगा, विशेषकर उत्तर तटीय आंध्र प्रदेश में। यह परियोजना भारत की घरेलू स्टील उत्पादन क्षमता को बढ़ाने और आयात पर निर्भरता घटाने की दिशा में भी महत्वपूर्ण योगदान देगी।
रिकॉर्ड समय में स्वीकृतियाँ
राज्य सरकार के अधिकारियों के अनुसार, इस परियोजना के लिए सभी प्रमुख स्वीकृतियाँ—जिसमें पर्यावरणीय मंजूरी भी शामिल है—केवल 14 महीनों में प्राप्त कर ली गईं। राज्य सरकार ने तीन महीनों के भीतर भूमि आवंटित की और एकल-खिड़की प्रणाली के तहत परियोजना के शीघ्र क्रियान्वयन की व्यवस्था की। आर्सेलरमित्तल के सीईओ आदित्य मित्तल ने आंध्र प्रदेश सरकार की तत्परता की सराहना करते हुए इसे नवाचार और स्थिरता का केंद्र बताया।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- AMNS, आर्सेलर मित्तल और जापान की निप्पॉन स्टील का संयुक्त उपक्रम है।
- ₹1.5 लाख करोड़ की लागत वाली यह परियोजना भारत की सबसे बड़ी ग्रीनफील्ड स्टील पहल है।
- संयंत्र की प्रारंभिक उत्पादन क्षमता 8.2 MTPA है, जो 24 MTPA तक बढ़ाई जाएगी।
- नवंबर 2025 में CII पार्टनरशिप समिट के दौरान इसका शिलान्यास किया जाएगा।
क्षेत्रीय विकास और रोजगार को बढ़ावा
राज्य मंत्री नारा लोकेश ने इस परियोजना को आंध्र प्रदेश की पारदर्शी और तेज़ प्रशासनिक प्रक्रिया का उदाहरण बताया। अनुमान है कि यह परियोजना लाखों प्रत्यक्ष और परोक्ष रोजगार सृजित करेगी, निर्यात क्षमताओं को मजबूत बनाएगी और कौशल विकास को प्रोत्साहित करेगी। इसके साथ ही, यह परियोजना आंध्र प्रदेश को भारत में सतत स्टील उत्पादन और औद्योगिक नवाचार का प्रमुख केंद्र बनाने की दिशा में एक निर्णायक कदम है।