असम-मेघालय में 55 मेगावाट कुल्सी परियोजना और बाढ़ समाधान पर सहमति

असम और मेघालय सरकारों ने संयुक्त रूप से 55 मेगावाट की कुल्सी जलविद्युत-सिंचाई परियोजना शुरू करने और गुवाहाटी शहर में शहरी बाढ़ की समस्या का समाधान निकालने के लिए मिलकर काम करने का निर्णय लिया है। यह पहल दोनों राज्यों के बीच 52 वर्षों से चल रहे सीमा विवाद को सुलझाने की दिशा में भी एक सकारात्मक संकेत मानी जा रही है।
कुल्सी जलविद्युत-सिंचाई परियोजना की योजना
कुल्सी नदी, जो ब्रह्मपुत्र की सहायक नदी है और पश्चिम खासी हिल्स (मेघालय) से होकर बहती है, पर 55 मेगावाट की बहुउद्देशीय परियोजना स्थापित की जाएगी। इस परियोजना का उद्देश्य बिजली उत्पादन और असम के लिए सिंचाई सुविधा प्रदान करना है। परियोजना के कार्यान्वयन से पहले स्थानीय लोगों से परामर्श लिया जाएगा।
यह परियोजना दोनों राज्यों के लिए बिजली उत्पादन, सिंचाई और पर्यटन के विकास के संदर्भ में एक “विन-विन” स्थिति उत्पन्न करेगी।
गुवाहाटी में शहरी बाढ़ समाधान के उपाय
गुवाहाटी में बार-बार आने वाली शहरी बाढ़ की समस्या पर दोनों राज्यों ने सहमति जताई कि यह समस्या मेघालय से आने वाले जल प्रवाह के कारण भी उत्पन्न होती है। समाधान के लिए तीन चरणों की योजना बनाई गई है:
- उत्तर-पूर्व अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र (NESAC) को उपग्रह चित्रण और जल प्रवाह की मैपिंग करने का कार्य सौंपा गया है।
- रिपोर्ट तीन महीनों में प्रस्तुत की जाएगी।
- रिपोर्ट के विश्लेषण के बाद, IIT रुड़की से तकनीकी समाधान तैयार करवाया जाएगा।
इस योजना का उद्देश्य असम में बाढ़ को न्यूनतम करना और मेघालय के लोगों की आजीविका और आर्थिक गतिविधियों को संरक्षित करना है।
सीमा विवाद पर सहमति
असम और मेघालय ने पहले 12 में से 6 विवादित क्षेत्रों पर सहमति बनाई थी, जिसकी घोषणा मार्च 2022 में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में हुई थी। वर्तमान में:
- 5 क्षेत्रों में सीमा स्तंभ 15 अगस्त 2025 तक स्थापित किए जाएंगे।
- गिजांग और तराबारी जैसे क्षेत्रों में भूमि समायोजन की प्रक्रिया चल रही है।
- शेष 6 क्षेत्रों पर वार्ता जारी रहेगी।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- कुल्सी नदी गंगा डॉल्फिन का प्रमुख प्रजनन स्थल मानी जाती है।
- NESAC भारत सरकार और नॉर्थ ईस्टर्न काउंसिल का एक संयुक्त अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र है, जिसका मुख्यालय शिलांग में है।
- असम और मेघालय के बीच सीमा विवाद 1972 में मेघालय के गठन के बाद शुरू हुआ था।
- IIT रुड़की भारत का अग्रणी तकनीकी संस्थान है जो बाढ़ नियंत्रण और जल प्रबंधन पर विशेषज्ञता रखता है।
असम और मेघालय की यह पहल न केवल बुनियादी ढांचे के विकास और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में सहकारिता को दर्शाती है, बल्कि यह भी प्रमाणित करती है कि राजनीतिक इच्छाशक्ति और संवाद से दीर्घकालिक विवादों का समाधान संभव है। कुल्सी परियोजना और गुवाहाटी में बाढ़ नियंत्रण की दिशा में उठाए गए कदम आने वाले वर्षों में पूर्वोत्तर भारत के समन्वित विकास की मिसाल बन सकते हैं।