असम में शोध और सेवा सुधार की नई पहल: ‘मुख्यमंत्री जीवन अनुप्रेरणा योजना’ और ‘स्वागत सतीर्थ’ पोर्टल का शुभारंभ

असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा ने राज्य में अनुसंधान और प्रशासनिक पारदर्शिता को बढ़ावा देने हेतु दो महत्त्वपूर्ण योजनाओं — मुख्यमंत्री जीवन अनुप्रेरणा योजना और स्वागत सतीर्थ पोर्टल — का शुभारंभ किया है। यह पहल राज्य के शोधार्थियों को आर्थिक सहयोग देने के साथ-साथ सरकारी कर्मचारियों के लिए स्थानांतरण प्रक्रिया को सरल, समयबद्ध और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है।

मुख्यमंत्री जीवन अनुप्रेरणा योजना: अनुसंधान को नई दिशा

यह योजना असम के स्थायी निवासी उन शोधार्थियों के लिए है जो राज्य और केंद्रीय सार्वजनिक संस्थानों में पूर्णकालिक अनुसंधान कर रहे हैं। योजना के अंतर्गत:

  • पूर्णकालिक शोधार्थियों को ₹25,000 की एकमुश्त सहायता दी जाएगी।
  • दिव्यांग शोधार्थियों के लिए यह राशि ₹40,000 होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह योजना शोधार्थियों को वित्तीय बाधाओं से मुक्त कर उन्हें समय पर अनुसंधान कार्य पूर्ण करने और शिक्षण संस्थानों में रोजगार पाने की दिशा में सहायता करेगी।

स्वागत सतीर्थ पोर्टल: पारदर्शी स्थानांतरण की ओर कदम

मुख्यमंत्री ने इस पोर्टल के माध्यम से राज्य सरकार के ग्रेड III और IV कर्मचारियों के पारस्परिक स्थानांतरण की प्रक्रिया को सरल और ऑनलाइन बना दिया है। अब तक 9,004 कर्मचारियों का सफलतापूर्वक स्थानांतरण इसी पोर्टल के माध्यम से हुआ है।
उन्होंने कहा, “अब स्थानांतरण के लिए जनता भवन की कतारों में खड़ा होना बीते समय की बात हो गई है। यह पारदर्शिता और जवाबदेही की दिशा में हमारा वचन है।”

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • असम उन छह राज्यों में शामिल है जहाँ महंगाई भत्ता और राहत केंद्र के समान स्तर पर दी जाती है।
  • ‘अपुन घर’ योजना के अंतर्गत लगभग 40,000 सरकारी कर्मचारियों ने ₹15 लाख तक का आवास ऋण प्राप्त किया है; अब यह सीमा ₹30 लाख तक बढ़ाई गई है।
  • ‘मुख्यमंत्री लोक सेवक आरोग्य योजना’ के अंतर्गत सरकारी कर्मचारियों को स्वास्थ्य सुविधा में भी सरलता लाई गई है।
  • ‘निजुत मोइना’ योजना के तहत छात्राओं को HS स्तर पर ₹1000, स्नातक में ₹1250 और परास्नातक में ₹2500 मासिक सहायता दी जाती है।

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