असम में शिक्षा सुधार की नई पहल: कक्षा 6–8 के लिए इतिहास और भूगोल अनिवार्य
असम सरकार ने राज्य के स्कूली पाठ्यक्रम में एक बड़ा सुधार करते हुए कक्षा 6 से 8 तक के विद्यार्थियों के लिए इतिहास और भूगोल को अनिवार्य विषय घोषित किया है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह निर्णय लिया गया, जिसका उद्देश्य छात्रों को असम की सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और भौगोलिक पहचान से गहराई से जोड़ना है।
समिति की सिफारिश पर आधारित पाठ्यक्रम में बदलाव
यह निर्णय न्यायमूर्ति बिप्लब कुमार शर्मा समिति की सिफारिशों पर आधारित है, जिसका गठन स्थानीय ज्ञान को स्कूली शिक्षा में मज़बूत करने के लिए किया गया था। अब छात्र सामाजिक विज्ञान, इतिहास और भूगोल तीनों विषय अनिवार्य रूप से पढ़ेंगे, और प्रत्येक विषय का भार 50 अंक होगा। पहले छात्रों के पास इन विषयों को चुनने या छोड़ने का विकल्प था, जिसे अब समाप्त कर दिया गया है।
राज्य के ज्ञान को सुदृढ़ करने पर ज़ोर
अधिकारियों का मानना है कि राज्य के इतिहास और भूगोल से प्रारंभिक स्तर पर परिचय छात्रों में नागरिक जागरूकता और सांस्कृतिक जुड़ाव को बढ़ाएगा। स्कूलों में संशोधित पाठ्यक्रम को समय-सारणी में समाहित किया जाएगा ताकि छात्रों के सीखने का अनुभव संतुलित और संरचित रूप में सुनिश्चित हो सके।
कैबिनेट से स्वीकृत अन्य प्रमुख शैक्षणिक परियोजनाएँ
पाठ्यक्रम सुधार के साथ-साथ असम कैबिनेट ने असम इंजीनियरिंग कॉलेज में डसॉल्ट सिस्टम्स इंडिया के साथ ₹243 करोड़ की एक अत्याधुनिक तकनीकी परियोजना को मंजूरी दी है। इस परियोजना में एयरोस्पेस, रक्षा, ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रिक वाहन प्रौद्योगिकी में प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमें राज्य ₹43 करोड़ का योगदान करेगा, जबकि डसॉल्ट ₹200 करोड़ निवेश करेगा। यह परियोजना जनवरी मध्य से शुरू होने की संभावना है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- असम में कक्षा 6–8 के छात्रों के लिए इतिहास और भूगोल अब अनिवार्य विषय बन गए हैं।
- प्रत्येक विषय 50 अंकों का होगा और सामाजिक विज्ञान के साथ पढ़ाया जाएगा।
- असम इंजीनियरिंग कॉलेज में ₹243 करोड़ की तकनीकी परियोजना डसॉल्ट सिस्टम्स के साथ शुरू होगी।
- असम का दूसरा सैनिक स्कूल करबी आंगलोंग जिले के लोंगवाकु में स्थापित किया जाएगा।
नए सैनिक स्कूल के साथ शैक्षिक अवसंरचना को बढ़ावा
कैबिनेट ने करबी आंगलोंग जिले के लोंगवाकु में असम के दूसरे सैनिक स्कूल की स्थापना को भी मंजूरी दी है। ₹335 करोड़ की लागत से बनने वाले इस संस्थान के लिए रक्षा मंत्रालय 80% और राज्य सरकार शेष राशि प्रदान करेगी। निर्माण कार्य शीघ्र शुरू होने की संभावना है, जो राज्य में शैक्षिक ढाँचे को सुदृढ़ करने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है।
इन फैसलों के माध्यम से असम सरकार ने न केवल स्कूली शिक्षा में राज्यीय पहचान को मज़बूत किया है, बल्कि तकनीकी और सैन्य शिक्षा के क्षेत्र में भी भविष्य के लिए मजबूत नींव रखी है।