असम में राज्य सरकार द्वारा चलाये जा रहे मदरसों को सामान्य स्कूलों में परिवर्तित किया जायेगा

असम में राज्य सरकार द्वारा चलाये जा रहे मदरसों को सामान्य स्कूलों में परिवर्तित किया जायेगा

असम सरकार ने 28 दिसंबर को सभी राज्य-संचालित मदरसों को बंद करने के लिए एक बिल पेश किया है। इस बिल के अनुसार असम सरकार द्वारा चलाए रहे सभी मदरसों को 1 अप्रैल, 2021 से बंद कर दिया जायेगा, गौरतलब है कि राज्य सरकार इन मदरसों को सामान्य स्कूलों में परिवर्तित करेगी।

मुख्य बिंदु

इस बिल नाम Assam Repealing Bill, 2020 है। इस बिल को शिक्षा मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने पेश किया था। हालांकि, विपक्ष ने इस बिल के खिलाफ आपत्ति जताई है।

इस बिल के द्वारा दो अधिनियमों को समाप्त किया जायेगा – असम मदरसा शिक्षा (कर्मचारियों की सेवाएं और मदरसा शैक्षणिक संस्थानों का पुनर्गठन) अधिनियम, 2018 और असम मदरसा शिक्षा (प्रांतीय शिक्षा) अधिनियम, 1995।

इस बिल के द्वारा निजी मदरसों को नियंत्रित नहीं किया जायेगा। सरकार के अधीन सभी मदरसों को उच्च प्राथमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों में परिवर्तित किया जाएगा। गौरतलब है कि शिक्षण, गैर-शिक्षण कर्मचारियों की सेवा शर्तों, वेतन और भत्तों में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। मौजूदा समय में असम में राज्य सरकार द्वारा 610 मदरसे संचालित किये जा रहे हैं। असम सरकार हर साल इन मदरसों पर 260 करोड़ रुपये खर्च करती है।

Disability Studies University

हाल ही में Disability Studies University घोषणा की गई है। यह  असम में इस प्रकार का पहला विश्वविद्यालय होगा। इस विकलांगता अध्ययन और पुनर्वास के केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना राज्य के कामरूप जिले में की जाएगी। इस विश्वविद्यालय में विकलांगता अध्ययन, विशेष शिक्षा, मनोविज्ञान, ऑर्थोटिक्स और प्रोस्थेटिक्स, नर्सिंग, ऑडियोलॉजी और भाषण-भाषा विकृति विज्ञान, पुनर्वास विज्ञान और सहायक प्रौद्योगिकी जैसे 8 विभाग हैं।

Originally written on December 28, 2020 and last modified on December 28, 2020.

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