असम में चाय उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए टीडीपीएस योजना का क्रियान्वयन
भारत सरकार देशभर में “टी डेवलपमेंट एंड प्रमोशन स्कीम” (TDPS) को लागू कर रही है, जिसके तहत असम को विशेष रूप से समर्थन दिया जा रहा है। इस पहल का उद्देश्य छोटे चाय उत्पादकों की उत्पादन क्षमता, गुणवत्ता और मूल्य शृंखला (value chain) को मजबूत करना है। यह कार्यक्रम चाय बोर्ड के नेतृत्व में संचालित किया जा रहा है और इसका लक्ष्य है – बागानों का आधुनिकीकरण, निर्यात में वृद्धि तथा जमीनी स्तर पर उत्पादक समूहों की क्षमताओं को सुदृढ़ बनाना।
टीडीपीएस योजना के प्रमुख उद्देश्य
इस योजना का मुख्य फोकस चाय उत्पादन में उत्पादकता बढ़ाना, बाजार गुणवत्ता सुधारना और निर्यात प्रतिस्पर्धा को सशक्त बनाना है। इसके तहत छोटे चाय उत्पादकों को स्वयं सहायता समूहों (SHGs) और किसान उत्पादक संगठनों (FPOs) में संगठित किया जा रहा है ताकि वे प्रसंस्करण (processing) और मूल्य संवर्धन (value addition) में सक्रिय भागीदारी निभा सकें। योजना के प्रमुख घटकों में मिनी टी फैक्ट्रियों की स्थापना और क्षमता निर्माण (capacity building) कार्यक्रमों का संचालन शामिल है।
असम में वित्तीय आवंटन और उपयोग
वित्तीय वर्ष 2021-22 से 2025-26 (31 अक्तूबर 2025 तक) की अवधि में असम को टी बोर्ड के बजट से ₹152.76 करोड़ का आवंटन किया गया, जिसमें से ₹150.20 करोड़ का उपयोग किया जा चुका है। यह दर्शाता है कि राज्य में योजना का क्रियान्वयन अत्यंत प्रभावी और तेज़ी से हुआ है, जिससे स्थानीय चाय उत्पादकों को निरंतर संस्थागत सहायता मिल रही है।
असम में प्रमुख गतिविधियाँ और परिणाम
इस अवधि में असम राज्य में 437.42 हेक्टेयर क्षेत्र में पुनर्रोपण (replantation) किया गया। साथ ही 318 स्वयं सहायता समूह (SHGs), 143 किसान उत्पादक संगठन (FPOs) और 26 किसान उत्पादक कंपनियाँ (FPCs) गठित की गईं। राज्य में 31 मिनी टी फैक्ट्रियाँ स्थापित की गईं और 30.32 हेक्टेयर क्षेत्र को जैविक खेती में परिवर्तित किया गया। इसके अतिरिक्त 30 फार्म फील्ड स्कूल खोले गए और 1,343 क्षमता निर्माण कार्यक्रम आयोजित किए गए।भारत से चाय निर्यात, जिसमें असम चाय भी शामिल है, 2021-22 में 751.07 मिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2024-25 में 923.89 मिलियन डॉलर तक पहुँच गया, जो 7.15% की वार्षिक चक्रवृद्धि वृद्धि दर (CAGR) को दर्शाता है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- असम में टीडीपीएस के तहत ₹150.20 करोड़ का उपयोग अक्टूबर 2025 तक किया गया।
- 318 SHGs, 143 FPOs और 26 FPCs गठित हुए।
- 31 मिनी टी फैक्ट्रियाँ स्थापित और 437.42 हेक्टेयर क्षेत्र में पुनर्रोपण किया गया।
- 2021-22 से 2024-25 के बीच चाय निर्यात में 7.15% की औसत वार्षिक वृद्धि दर्ज की गई।
नीति आयोग की डीएमईओ मूल्यांकन रिपोर्ट
नीति आयोग के विकास निगरानी एवं मूल्यांकन कार्यालय (DMEO) ने मई 2023 में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें टीडीपीएस के अंतर्गत पौधारोपण योजनाओं के सफल क्रियान्वयन की सराहना की गई। रिपोर्ट में स्वयं सहायता समूहों और किसान उत्पादक संगठनों के गठन तथा फैक्ट्री निर्माण में उल्लेखनीय प्रगति को रेखांकित किया गया। रिपोर्ट में पुनर्रोपण सहायता, ब्रांड प्रमोशन, गुड एग्रीकल्चरल प्रैक्टिसेज (GAP) के व्यापक उपयोग और क्षमता निर्माण के लिए सिफारिशें दी गईं, जिन्हें संशोधित टीडीपीएस (2023-24 से 2025-26) में शामिल किया गया है।