असम-नगालैंड सीमा पर बड़ा हमला: 100 घर जलाए गए, सीमा विवाद फिर उभरा

असम-नगालैंड सीमा पर दशकों पुराना विवाद एक बार फिर हिंसा में तब्दील हो गया जब 2 अक्टूबर 2025 की रात को करीब 11:45 बजे पूर्वी असम के गोलाघाट जिले में बी सेक्टर इलाके में करीब 100 घरों को आग के हवाले कर दिया गया। बताया गया है कि यह हमला कथित रूप से नागालैंड से आए हथियारबंद उपद्रवियों ने किया, जिन्होंने गोलीबारी और ग्रेनेड फेंकने के बाद घरों में आग लगा दी।
हमले की भयावहता और प्रशासन की प्रतिक्रिया
हमले के दौरान हमलावरों ने सबसे पहले ग्रामीणों को घरों से बाहर खींचा और फिर उनके घरों को जला डाला। स्थानीय लोगों के अनुसार, अधिकांश प्रभावित परिवार प्रवासी मुस्लिम समुदाय से हैं, जो लंबे समय से इस क्षेत्र में रह रहे थे। दहशत में लोग रातों-रात अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर भागे।
घटना के बाद इलाके में 155वीं बटालियन की सीआरपीएफ तैनात की गई है और स्थिति को नियंत्रण में लाने के प्रयास जारी हैं। गोलाघाट के पुलिस अधीक्षक राजेन सिंह समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने घटनास्थल का दौरा कर हालात का जायजा लिया।
राजनीतिक प्रतिक्रिया और निंदा
सरूपथार से विधायक बिस्वजीत फुकन ने इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा, “मैं नागा उपद्रवियों द्वारा किए गए इस हमले की कड़ी निंदा करता हूं और मुख्यमंत्री से सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की है।” हमले के बाद क्षेत्र में तनाव व्याप्त है, और प्रशासन लगातार हालात पर नजर बनाए हुए है।
सीमा विवाद का ऐतिहासिक संदर्भ
असम और नगालैंड के बीच 1960 के दशक से सीमा विवाद चल रहा है। नगालैंड के गठन के बाद से ही यह मुद्दा दोनों राज्यों के लिए संवेदनशील रहा है। कई बार इस विवाद ने हिंसक रूप लिया है और अब तक 150 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है।
विवाद का मूल कारण सीमांकन और भूमि के स्वामित्व को लेकर है। कई क्षेत्रों में दोनों राज्य एक ही भूभाग पर अपना अधिकार जताते हैं, जिससे बार-बार टकराव की स्थिति उत्पन्न होती है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- असम और नगालैंड की सीमा लगभग 512 किलोमीटर लंबी है।
- 1972 में एक अंतर-राज्यीय सीमा आयोग गठित किया गया था, लेकिन यह विवाद सुलझ नहीं सका।
- 1985 में हुए बॉर्डर एग्रीमेंट के बावजूद हिंसक घटनाएं होती रहीं।
- सुप्रीम कोर्ट में यह मामला वर्षों से लंबित है, लेकिन अंतिम समाधान अब तक नहीं निकला है।