असम के दीमा हासाओ में 3.6 तीव्रता का हल्का भूकंप, कोई नुकसान नहीं

असम के दीमा हासाओ में 3.6 तीव्रता का हल्का भूकंप, कोई नुकसान नहीं

बुधवार, 12 नवम्बर 2025 को दोपहर 12:40 बजे असम के दीमा हासाओ जिले में रिक्टर पैमाने पर 3.6 तीव्रता का हल्का भूकंप दर्ज किया गया। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार इसका केंद्र (Epicentre) लगभग 25.19° उत्तर अक्षांश और 92.92° पूर्व देशांतर पर, लगभग 30 किलोमीटर की गहराई में स्थित था। प्रारंभिक रिपोर्टों में किसी प्रकार के नुकसान या जनहानि की सूचना नहीं मिली है और सभी आवश्यक सेवाएँ सामान्य रूप से संचालित होती रहीं।

भूकंप का केंद्र और भूवैज्ञानिक स्थिति

भूकंपीय मापों के अनुसार भूकंप का केंद्र उत्तर काछार हिल्स के भू-पर्पटीय भाग (crust) के भीतर था। 30 किलोमीटर की गहराई पर उत्पन्न होने वाले भूकंप सामान्यतः सतह पर कम तीव्रता से महसूस होते हैं, जिसके कारण जनजीवन पर प्रभाव सीमित रहा। दीमा हासाओ और आसपास के जिलों में हल्के झटके महसूस किए गए, पर रेल या राजमार्ग यातायात पर कोई असर नहीं पड़ा। स्थानीय प्रशासन स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए है।

पूर्वोत्तर भारत की भूकंपीय सक्रियता

पूर्वोत्तर भारत भूवैज्ञानिक दृष्टि से अत्यधिक सक्रिय भूकंपीय क्षेत्र है। यहाँ भारत और यूरेशिया प्लेटों की टक्कर तथा बर्मा माइक्रोप्लेट की गतिशीलता से लगातार भूकंपीय तनाव उत्पन्न होता रहता है। मेन फ्रंटल थ्रस्ट, दाउकी फॉल्ट और इंडो–म्यांमार आर्क जैसी संरचनाएँ इस क्षेत्र में बार-बार हल्के से मध्यम भूकंपों का कारण बनती हैं। दीमा हासाओ जिला, जो शिलांग पठार और बरैल पर्वतमाला के बीच स्थित है, ऐसे छोटे भूकंपीय घटनाओं का केंद्र अक्सर बनता रहता है।

ऐतिहासिक संदर्भ और हाल के झटके

हाल के वर्षों में क्षेत्र में आए अधिकांश भूकंप मामूली रहे हैं, पर अतीत में यहाँ बड़े भूकंपीय घटनाएँ घट चुकी हैं। 1897 का शिलांग भूकंप (लगभग 8.1 तीव्रता) और 1950 का असम–तिब्बत भूकंप (लगभग 8.6 तीव्रता) ने क्षेत्र की भूकंपीय जोनिंग और निर्माण मानकों को प्रभावित किया। वर्तमान 3.6 तीव्रता का भूकंप किसी संरचनात्मक क्षति के स्तर से काफी नीचे है, लेकिन यह हमें क्षेत्र की निरंतर भूकंपीय सक्रियता की याद दिलाता है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • भूकंप की तीव्रता: 3.6; समय: दोपहर 12:40 बजे (IST)
  • गहराई: लगभग 30 किमी; केंद्र: 25.19°N, 92.92°E, दीमा हासाओ
  • पूर्वोत्तर भारत भारत–यूरेशिया प्लेट टकराव और इंडो–म्यांमार आर्क क्षेत्र में स्थित है
  • कोई नुकसान या जनहानि नहीं; निगरानी जारी है

सावधानियाँ और प्रशासनिक सलाह

प्रशासन ने नागरिकों को मानक एहतियात बरतने की सलाह दी है झटकों के दौरान “ड्रॉप–कवर–होल्ड” अपनाएँ, वर्षा के बाद भूस्खलन संभावित ढलानों से दूर रहें, और पुराने भवनों में नई दरारें जांचें। सार्वजनिक निर्माण विभाग ने पुलों और ढलानों की समीक्षा शुरू कर दी है। बहुमंज़िला इमारतों में रहने वाले लोगों से अनुरोध किया गया है कि वे सीढ़ियों को खुला रखें और अपने आपातकालीन किट (पानी, टॉर्च, प्राथमिक उपचार सामग्री) तैयार रखें। भविष्य में किसी भी भूकंप के दौरान अनुभव की गई तीव्रता की रिपोर्ट स्थानीय आपदा प्रबंधन केंद्रों को भेजने की अपील की गई है ताकि भूकंपीय मानचित्र और प्रतिक्रिया प्रणाली को बेहतर बनाया जा सके।

Originally written on November 12, 2025 and last modified on November 12, 2025.

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