असम के डिब्रूगढ़ में ₹10,601 करोड़ की यूरिया संयंत्र परियोजना की आधारशिला, पूर्वोत्तर में औद्योगिक विकास को नई दिशा

असम के डिब्रूगढ़ में ₹10,601 करोड़ की यूरिया संयंत्र परियोजना की आधारशिला, पूर्वोत्तर में औद्योगिक विकास को नई दिशा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम के डिब्रूगढ़ ज़िले में ₹10,601 करोड़ की लागत से बनने वाले अमोनिया–यूरिया उर्वरक संयंत्र की आधारशिला रखी है। यह परियोजना पूर्वोत्तर भारत में औद्योगिक और कृषि क्षेत्र को सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है। संयंत्र का विकास नवनिर्मित “असम वैली फर्टिलाइजर एंड केमिकल कंपनी लिमिटेड” (AVFCCL) द्वारा किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य क्षेत्र की उर्वरक उत्पादन परंपरा को आधुनिक और ऊर्जा-कुशल तकनीक के साथ पुनर्जीवित करना है।

ब्राउनफील्ड इकाई में बड़ा निवेश

यह संयंत्र ब्रह्मपुत्र वैली फर्टिलाइज़र कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BVFCL) के नमरूप स्थित मौजूदा परिसर में विकसित किया जा रहा है। परियोजना के तहत हर वर्ष 12.7 लाख मीट्रिक टन यूरिया उत्पादन की क्षमता होगी। इसका लक्ष्य 2030 तक परिचालन प्रारंभ करना है। अधिकारियों के अनुसार यह परियोजना भारत की उर्वरक सुरक्षा को मज़बूत करने और आयात पर निर्भरता घटाने की दिशा में परिवर्तनकारी साबित होगी।

पूर्वोत्तर में आर्थिक और रोजगार लाभ

केंद्र सरकार का कहना है कि इस संयंत्र से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से हजारों नौकरियां उत्पन्न होंगी। इसके अतिरिक्त मरम्मत सेवाओं, लॉजिस्टिक्स, आपूर्ति श्रृंखला जैसे सहायक क्षेत्रों का भी विस्तार होगा। संयंत्र की स्थापना से स्थानीय स्तर पर उर्वरक उपलब्धता बढ़ेगी और परिवहन लागत घटेगी, जिससे असम और आसपास के राज्यों के किसानों को सीधा लाभ मिलेगा।

कृषि समर्थन प्रणाली को सुदृढ़ करने की दिशा में पहल

यह संयंत्र असम, पूर्वोत्तर, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में उर्वरकों की मांग को पूरा करेगा। सरकार ने हाल ही में घरेलू यूरिया उत्पादन को 2014 के 225 लाख मीट्रिक टन से बढ़ाकर 2023–24 में 306 लाख मीट्रिक टन तक पहुंचाया है, जो आत्मनिर्भरता की दिशा में मजबूत प्रगति को दर्शाता है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

• AVFCCL एक संयुक्त उपक्रम है, जिसमें असम सरकार, ऑयल इंडिया, NFL, HURL और BVFCL साझेदार हैं।
• संयंत्र की वार्षिक उत्पादन क्षमता 12.7 लाख मीट्रिक टन यूरिया होगी।
• कुल परियोजना लागत ₹10,601 करोड़; लक्षित चालू वर्ष: 2030।
• संयंत्र BVFCL के नमरूप परिसर, डिब्रूगढ़ (असम) में स्थित है।

नीति और क्षेत्रीय विकास का दृष्टिकोण

यह परियोजना केंद्र की आत्मनिर्भर उर्वरक नीति और पूर्वोत्तर में कृषि–औद्योगिक विकास लक्ष्यों के साथ जुड़ी है। इसे राष्ट्रीय पाम ऑयल मिशन और ग्रामीण आय समर्थन योजनाओं से भी जोड़ा गया है। सरकार का मानना है कि पुराने उर्वरक संयंत्रों का आधुनिकीकरण आवश्यक है ताकि कृषि क्षेत्र को दीर्घकालिक समर्थन मिल सके और पूर्वोत्तर भारत का समग्र विकास सुनिश्चित किया जा सके।

Originally written on December 23, 2025 and last modified on December 23, 2025.

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