असम की किशोरी ऐशी प्रिषा बोरा को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार: नवाचार से स्थायित्व की ओर

असम की किशोरी ऐशी प्रिषा बोरा को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार: नवाचार से स्थायित्व की ओर

असम के जोरहाट जिले की 14 वर्षीय ऐशी प्रिषा बोरा ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अपने अभिनव प्रयासों से राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त की है। उन्हें पर्यावरण संरक्षण और स्थायी जीवनशैली को बढ़ावा देने में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान भारत के बच्चों को दिए जाने वाले सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों में से एक है, और ऐशी की यह उपलब्धि युवाओं की बदलती भूमिका और जागरूकता का प्रतीक बन गई है।

ऊपरी असम से उभरी युवा नवाचारक

जोरहाट की रहने वाली ऐशी प्रिषा बोरा ने कम उम्र में ही वैज्ञानिक सोच, सामाजिक उत्तरदायित्व और पर्यावरणीय संवेदनशीलता का अद्वितीय परिचय दिया है। उन्होंने ऐसे सरल, कम लागत वाले समाधान विकसित किए हैं जो टिकाऊ जीवनशैली और अपशिष्ट प्रबंधन पर आधारित हैं। ऐशी की पहलें आम जनता की समस्याओं को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से सुलझाने का प्रयास करती हैं, जिससे विज्ञान को सामुदायिक जीवन से जोड़ने में मदद मिलती है।

स्थायी नवाचारों से बनी मिसाल

ऐशी द्वारा किए गए प्रमुख नवाचारों में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना, अखबारों की मल्चिंग विधि द्वारा मृदा स्वास्थ्य में सुधार लाना और पुराने अखबारों से पेंसिल बनाने की मशीन विकसित करना शामिल है। ये प्रयास “वेस्ट टू वेल्थ” (कचरे से संपत्ति) की सोच पर आधारित हैं और पारंपरिक तरीकों की तुलना में अधिक पर्यावरण-अनुकूल विकल्प प्रस्तुत करते हैं।

ऐशी की तकनीकें रासायनिक इनपुट को घटाने, पुनर्चक्रण को बढ़ावा देने और स्थानीय आजीविकाओं को सहारा देने में सहायक हैं। ये नवाचार ग्रामीण क्षेत्रों और स्कूल स्तर पर आसानी से लागू किए जा सकते हैं, जिससे उनकी उपयोगिता और प्रभावशीलता और बढ़ जाती है।

राष्ट्रीय मंचों पर प्रस्तुतियों और सम्मान

ऐशी प्रिषा बोरा ने राष्ट्रीय बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी (दिल्ली) और राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस (अहमदाबाद) जैसे कई प्रतिष्ठित मंचों पर अपने नवाचार प्रस्तुत किए हैं। उन्हें 2022 में INSPIRE MANAK राज्य पुरस्कार भी मिल चुका है, जो विज्ञान और प्रौद्योगिकी में छात्र नवाचारों को प्रोत्साहित करता है।

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने ऐशी की उपलब्धि की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने राज्य और देश के युवाओं में स्थायी आदतों को बढ़ावा देने का प्रेरक कार्य किया है। इसके अतिरिक्त, उन्हें इनोवेशन फेस्टिवल 2025 में ‘दीनानाथ पांडे सिल्वर इनोवेटर अवार्ड’ से भी नवाजा गया।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार भारत का सर्वोच्च बाल नागरिक पुरस्कार है।
  • INSPIRE MANAK योजना विज्ञान और तकनीकी नवाचारों में छात्रों को सहयोग देती है।
  • प्राकृतिक खेती का उद्देश्य रासायनिक तत्वों के उपयोग को न्यूनतम करना है।
  • ‘वेस्ट टू वेल्थ’ पहल पुनर्चक्रण और परिपत्र अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देती है।

ऐशी प्रिषा बोरा की सफलता यह दर्शाती है कि भारत में अब युवाओं की सोच केवल शिक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि वे नवाचार और सामाजिक बदलाव के माध्यम से बड़ी भूमिका निभा रहे हैं। ऐशी जैसी प्रतिभाएं न केवल पर्यावरणीय मुद्दों को समझ रही हैं, बल्कि उनका समाधान भी प्रस्तुत कर रही हैं। उनकी यात्रा युवा भारत के लिए प्रेरणा और दिशा दोनों का कार्य कर रही है।

Originally written on December 27, 2025 and last modified on December 27, 2025.

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