अश्विनी कुमार तिवारी पुनर्नियुक्त, भारतीय स्टेट बैंक में नेतृत्व स्थिरता को मिला बढ़ावा
भारत सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक, भारतीय स्टेट बैंक (SBI) में नेतृत्व की निरंतरता को सुनिश्चित करते हुए अश्विनी कुमार तिवारी को पुनः प्रबंध निदेशक (Managing Director) के रूप में नियुक्त किया है। यह निर्णय बैंक के बैलेंस शीट के समेकन, डिजिटल विस्तार और ऋण वृद्धि के वर्तमान चरण में संस्था को अनुभवी नेतृत्व प्रदान करेगा।
कार्यकाल अब सेवानिवृत्ति तक बढ़ाया गया
वित्त मंत्रालय के अधीन वित्तीय सेवा विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, तिवारी की पुनर्नियुक्ति उस तिथि से प्रभावी होगी जिस दिन वे कार्यभार ग्रहण करते हैं। अब उनका कार्यकाल 27 जनवरी 2026 को समाप्त होने के बजाय 31 दिसंबर 2027 तक, या अगले आदेश तक (जो भी पहले हो) बढ़ा दिया गया है। यह निर्णय सरकार द्वारा उनके नेतृत्व पर विश्वास और उनके प्रशासनिक अनुभव को मान्यता देने का संकेत है।
एसबीआई में दीर्घकालिक सेवा का अनुभव
अश्विनी कुमार तिवारी ने वर्ष 1991 में एसबीआई में प्रोबेशनरी ऑफिसर के रूप में अपने बैंकिंग करियर की शुरुआत की थी। पिछले तीन दशकों में उन्होंने बैंक के विभिन्न परिचालन और रणनीतिक विभागों में कार्य किया है। जनवरी 2021 में उन्हें डिप्टी एमडी से पदोन्नत कर प्रबंध निदेशक नियुक्त किया गया था। उनका करियर अक्सर भारत के सबसे बड़े बैंक में आंतरिक नेतृत्व विकास का एक आदर्श उदाहरण माना जाता है।
पूर्व नियुक्तियाँ और विस्तार
जनवरी 2021 में अश्विनी तिवारी को तीन वर्षों के लिए एसबीआई का प्रबंध निदेशक नियुक्त किया गया था। 2024 में उनकी नियुक्ति को दो वर्षों के लिए बढ़ाया गया था, जो उन्हें जनवरी 2026 तक सेवा में रखता। अब नवीनतम पुनर्नियुक्ति उनके कार्यकाल को और आगे बढ़ाते हुए स्थायित्व की भावना प्रदान करती है, खासकर ऐसे समय में जब बैंकिंग क्षेत्र में सुधार और नियामक अपेक्षाएं लगातार बदल रही हैं।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- अश्विनी कुमार तिवारी ने 1991 में एसबीआई में प्रोबेशनरी ऑफिसर के रूप में कार्य शुरू किया।
- वे जनवरी 2021 में एसबीआई के प्रबंध निदेशक नियुक्त हुए।
- उनका कार्यकाल अब 31 दिसंबर 2027 तक बढ़ाया गया है।
- एसबीआई भारत का सबसे बड़ा सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक है।
अश्विनी कुमार तिवारी की पुनर्नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब एसबीआई डिजिटल बैंकिंग, ऋण वृद्धि और परिसंपत्ति गुणवत्ता प्रबंधन पर विशेष ध्यान केंद्रित कर रहा है। उनका अनुभव और नेतृत्व बैंक को इन क्षेत्रों में नई ऊंचाइयों तक ले जाने में सहायक होगा। यह नियुक्ति भारत सरकार की प्रमुख वित्तीय संस्थानों में अनुभवी नेतृत्व सुनिश्चित करने की व्यापक नीति के अंतर्गत आती है, जिससे बैंकिंग क्षेत्र में स्थायित्व और निरंतर विकास को बल मिलेगा।