अल्बानिया में दुनिया की पहली AI मंत्री ‘डियेला’ नियुक्त: भ्रष्टाचार नियंत्रण की दिशा में अनोखा कदम

तकनीकी क्रांति और प्रशासनिक पारदर्शिता के संगम का नया उदाहरण सामने आया है — अल्बानिया दुनिया का पहला देश बन गया है जिसने एक कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) से संचालित वर्चुअल मंत्री को अपनी सरकार में शामिल किया है। इस डिजिटल मंत्री का नाम है डियेला, जो इंसान नहीं, बल्कि कोड और पिक्सल से बनी एक AI अवतार है, और उसे सार्वजनिक खरीद-प्रक्रियाओं (public procurement) की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
डिजिटल मंत्री: भविष्य अब वर्तमान में
अल्बानिया के प्रधानमंत्री एडी रामा ने इस वर्ष की शुरुआत में संकेत दिया था कि देश में कभी एक डिजिटल प्रधानमंत्री भी हो सकता है। लेकिन किसी ने यह कल्पना नहीं की थी कि देश इतनी जल्दी एक वर्चुअल मंत्री को सरकार का हिस्सा बना देगा। 11 सितंबर को तिराना में सोशलिस्ट पार्टी की सभा में प्रधानमंत्री ने डियेला को औपचारिक रूप से पेश किया।
डियेला अब सरकारी मंत्रिमंडल की पहली गैर-मानव सदस्य है, जो पूरी तरह कृत्रिम बुद्धिमत्ता से संचालित होती है। इसका मुख्य कार्य है: सरकारी निविदाओं का मूल्यांकन और आवंटन। इसके जरिए भ्रष्टाचार और पक्षपात पर लगाम लगाने का प्रयास किया जा रहा है — विशेष रूप से उस क्षेत्र में जहां अल्बानिया लंबे समय से सार्वजनिक धन के दुरुपयोग की चुनौतियों से जूझता रहा है।
प्रशासन में AI की भूमिका और भविष्य
डियेला न केवल निविदाएं तय करेगी, बल्कि उसे विश्वभर से प्रतिभाएं नियुक्त करने और डिजिटल सेवा पोर्टल के ज़रिए नागरिकों की आवाज़ आधारित अनुरोधों को संसाधित करने की शक्ति भी दी गई है। अल्बानियाई प्रशासन इसे प्रशासनिक कठोरता और पक्षपात से निपटने का नया तरीका मान रहा है।
हालांकि सरकार ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि डियेला पर किस प्रकार का मानव पर्यवेक्षण (human oversight) लागू किया जाएगा, लेकिन इसका उद्देश्य सरकारी निर्णयों में पारदर्शिता और प्रभावशीलता लाना है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- डियेला को सार्वजनिक खरीद प्रक्रियाओं की निगरानी और निविदाओं के मूल्यांकन की जिम्मेदारी दी गई है।
- यह पहला मामला है जब किसी सरकार में एक पूरी तरह AI-संचालित मंत्री को आधिकारिक जिम्मेदारी दी गई है।
- डियेला नागरिकों से वॉयस कमांड के ज़रिए संवाद करती है और डिजिटल सरकारी सेवाएं प्रदान करती है।
- यह पहल प्रशासन में भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी और राजनीतिक दबाव को कम करने के प्रयास के रूप में देखी जा रही है।