अल्फाबेट ने ‘प्रोजेक्ट लून’ को बंद करने की घोषणा की

अल्फाबेट ने ‘प्रोजेक्ट लून’ को बंद करने की घोषणा की

गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट ने घोषणा की है कि ‘प्रोजेक्ट लून’ को बंद किया जा रहा है। गौरतलब है कि अब तक कंपनी ने इसे एक सफल प्रोजेक्ट बता रही थी।

मुख्य बिंदु

‘प्रोजेक्ट लून’ का उद्देश्य समताप मंडल में हीलियम गुब्बारे के माध्यम से दूरस्थ क्षेत्रों को इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रदान करना है। प्रोजेक्ट लून को बंद करने के पीछे का कारण यह है कि यह मॉडल ऑपरेशन को जारी रखने के लिए लागत को नीचे लाने में सक्षम नहीं था।

‘प्रोजेक्ट लून’ को वर्ष 2011 में Google X के एक भाग के रूप में लॉन्च किया गया था और बाद में 2018 में यह एक अलग कंपनी बन गई। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य दुनिया के ग्रामीण हिस्सों से जुड़ना था जिनके पास इंटरनेट के लिए उचित बुनियादी ढांचा नहीं है।

गौरतलब है कि दिसंबर 2020 में, प्रोजेक्ट लून के तहत हीलियम बैलून द्वारा एक नया रिकॉर्ड बनाया गया था। यह गुब्बारा हवा में 312 दिनों तक रहा। इसने लगभग 2.1 लाख किलोमीटर की दूरी तय की थी।

प्रोजेक्ट लून

प्रोजेक्ट लून का उद्देश्य दुनिया के दूरदराज के हिस्सों में इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रदान करना है। इस परियोजना में हीलियम से भरे गुब्बारे शामिल हैं जो समताप मंडल में रहते हैं और वे हवाई वायरलेस नेटवर्क बनाते हैं। इस परियोजना ने इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए कई देशों और उनके प्रौद्योगिकी भागीदारों के साथ सहयोग किया है।

हीलियम गुब्बारे

यह गुब्बारे 15 मीटर चौड़े और 12 मीटर लंबे हैं। उन्हें पृथ्वी से 20 किमी की ऊंचाई पर लॉन्च किया गया है। ये गुब्बारे सिग्नल प्राप्त करने और संचारित करने वाले सेल टॉवर के रूप में कार्य करते हैं। यह गुब्बारे सौर पैनलों द्वारा संचालित होते हैं।

गुब्बारों का मार्ग इसकी ऊँचाई को बदलकर नियंत्रित किया जाता है। वे ऊपर या नीचे जाने के लिए हवा की गति और दिशा का उपयोग करते हैं।

यूजर्स को गुब्बारे से संकेतों को प्राप्त करने और प्रसारित करने के लिए विशेष एंटीना की आवश्यकता होती है।। गुब्बारे में पैनल सूर्य के संपर्क में आने पर 100 वाट बिजली पैदा करते हैं।

Originally written on January 22, 2021 and last modified on January 22, 2021.

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