अल्ज़ाइमर से लड़ने में मस्तिष्क की माइक्रोग्लिया कोशिकाओं की नई भूमिका
हाल ही में हुए एक अध्ययन में यह खुलासा हुआ है कि मस्तिष्क में मौजूद विशेष प्रतिरक्षा कोशिकाएं जिन्हें माइक्रोग्लिया कहा जाता है।अल्ज़ाइमर रोग की प्रगति को धीमा करने में सहायक हो सकती हैं। यह खोज न केवल इस जटिल न्यूरोलॉजिकल रोग को बेहतर समझने में मदद करती है, बल्कि संभावित इम्यूनोथेरेपी उपचारों के लिए भी एक नया मार्ग खोलती है।
माइक्रोग्लिया: मस्तिष्क की सुरक्षा कवच
वैज्ञानिकों ने माइक्रोग्लिया की एक उप-प्रजाति की पहचान की है जो अल्ज़ाइमर के रोगप्रक्रिया के विरुद्ध रक्षक की भूमिका निभाती है। जब इन कोशिकाओं में PU.1 नामक प्रोटीन का स्तर कम होता है और CD28 रिसेप्टर का स्तर अधिक होता है, तब ये सूजन को घटाने और हानिकारक प्रोटीन जैसे एमिलॉइड प्लाक्स और टॉ प्रोटीन के जमाव को रोकने में सक्षम होती हैं। ये दोनों ही प्रोटीन अल्ज़ाइमर रोग के प्रमुख संकेत माने जाते हैं।
PU.1 और CD28 की भूमिका
PU.1 एक ट्रांसक्रिप्शन फैक्टर है जो प्रतिरक्षा कोशिकाओं में किन जीनों को सक्रिय करना है, यह निर्धारित करता है। वहीं CD28 एक रिसेप्टर है जो इन कोशिकाओं को एक-दूसरे से संवाद और प्रतिक्रिया करने में मदद करता है। अध्ययन से यह पाया गया कि जब माइक्रोग्लिया में PU.1 का स्तर घटाया गया, तो वे लिम्फॉयड कोशिकाओं जैसी व्यवहारिक विशेषताएँ दिखाने लगीं — जो प्रतिरक्षा प्रणाली की अत्यधिक विशिष्ट नियंत्रक कोशिकाएं होती हैं। इस बदलाव से न केवल सूजन में कमी आई, बल्कि स्मृति संरक्षण में भी मदद मिली, जैसा कि चूहों पर और मानव ऊतक नमूनों पर किए गए परीक्षणों में देखा गया।
वैज्ञानिक सहयोग और अनुसंधान निष्कर्ष
यह अनुसंधान डॉ. ऐनी शेफ़र (Icahn School of Medicine) और डॉ. अलेक्जेंडर ताराखोव्स्की (Rockefeller University) के नेतृत्व में किया गया, जिसमें मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट और माउंट सीनाई के रोनाल्ड एम. लोएब सेंटर की टीमें भी शामिल थीं। उनके निष्कर्ष बताते हैं कि माइक्रोग्लिया केवल प्रतिक्रियात्मक कोशिकाएं नहीं हैं, बल्कि मस्तिष्क की तंत्रिकाओं की रक्षा में सक्रिय भूमिका निभा सकती हैं। जब इन कोशिकाओं से CD28 रिसेप्टर को हटाया गया, तो सूजन में वृद्धि देखी गई — जो इसके रोगनियंत्रण में केंद्रीय भूमिका को प्रमाणित करता है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- माइक्रोग्लिया में PU.1 कम और CD28 अधिक होने पर ये अल्ज़ाइमर से रक्षा करती हैं।
- PU.1 को SPI1 जीन नियंत्रित करता है, जो अल्ज़ाइमर के कम जोखिम से जुड़ा है।
- अध्ययन में Rockefeller University और Mount Sinai जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के वैज्ञानिक शामिल थे।
- यह खोज माइक्रोग्लिया आधारित इम्यूनोथेरेपी की संभावनाओं को बल देती है।
यह अध्ययन इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है कि किस प्रकार मस्तिष्क की प्रतिरक्षा प्रणाली को सक्रिय करके अल्ज़ाइमर जैसी असाध्य बीमारियों से बेहतर तरीके से निपटा जा सकता है। वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि इस नई समझ के आधार पर ऐसी उपचार पद्धतियाँ विकसित की जा सकेंगी जो केवल लक्षणों को नहीं, बल्कि बीमारी की मूल प्रक्रिया को लक्षित करेंगी।