अरुणाचल में 1000 मेगावाट का नायिंग जलविद्युत परियोजना: पर्यावरणीय जनसुनवाई 12 नवंबर को

अरुणाचल में 1000 मेगावाट का नायिंग जलविद्युत परियोजना: पर्यावरणीय जनसुनवाई 12 नवंबर को

अरुणाचल प्रदेश के शि-योमी जिले में प्रस्तावित 1000 मेगावाट की नायिंग जलविद्युत परियोजना को लेकर 12 नवंबर को पर्यावरणीय जनसुनवाई आयोजित की जाएगी। यह जनसुनवाई यापिक सामुदायिक भवन में आयोजित की जाएगी, जिसमें परियोजना प्रभावित क्षेत्र के लोगों से भाग लेने का आग्रह किया गया है। इस परियोजना का क्रियान्वयन उत्तर-पूर्वी विद्युत निगम (NEEPCO) द्वारा किया जाएगा, और यह राज्य के “डिकेड ऑफ हाइड्रो पावर (2025–35)” मिशन के अंतर्गत एक प्रमुख कदम माना जा रहा है।

परियोजना का स्वरूप और निर्माण योजना

नायिंग परियोजना एक “रन-ऑफ-द-रिवर” प्रकार की जलविद्युत परियोजना है, जिसे सियॉम (योम्गो) नदी पर स्थापित किया जाएगा। इसकी कुल विद्युत उत्पादन क्षमता 1000 मेगावाट (4 × 250 MW) होगी और यह सालाना लगभग 4,966.77 GWh बिजली उत्पन्न करने में सक्षम होगी।
परियोजना में निम्नलिखित प्रमुख संरचनाएं शामिल हैं:

  • एक कंक्रीट बाँध
  • भूमिगत पावरहाउस
  • सुरंग प्रणाली

निर्माण कार्य 2028 के आसपास शुरू होने की संभावना है, और परियोजना के 2032 तक पूर्ण होने का लक्ष्य रखा गया है। यद्यपि केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण ने इस परियोजना को 2013 में अपनी मंजूरी दी थी, लेकिन पर्यावरणीय और सामाजिक चिंताओं के चलते इसका कार्य प्रारंभ नहीं हो सका।

पर्यावरणीय और सामाजिक प्रभाव

परियोजना के लिए बड़े पैमाने पर वनभूमि के डायवर्जन की आवश्यकता होगी, जिससे हजारों पेड़ प्रभावित होंगे। इसके साथ ही, बांधों के पर्यावरणीय और सामाजिक प्रभावों को लेकर भी विरोध दर्ज किया गया है, जिसमें स्थानीय समुदायों की चिंता प्रमुख रूप से शामिल है। इस जनसुनवाई का उद्देश्य इन प्रभावों पर स्थानीय जन की राय और आपत्तियाँ सुनना है।

नायिंग परियोजना की रणनीतिक भूमिका

राज्य सरकार ने हाल ही में 7 अक्टूबर को चांगलांग जिले के मियाओ में “कैबिनेट आपके द्वार” कार्यक्रम के दौरान NEEPCO और अरुणाचल प्रदेश हाइड्रोपावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड के बीच एक संयुक्त उद्यम कंपनी बनाने को मंजूरी दी। इसका उद्देश्य राज्य की जलविद्युत क्षमता को 2035 तक 19 गीगावाट तक पहुंचाना है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • नायिंग परियोजना अरुणाचल प्रदेश के शि-योमी जिले में प्रस्तावित पाँच प्रमुख जलविद्युत परियोजनाओं में से एक है। अन्य चार हैं:

    • 240 मेगावाट हेओ परियोजना
    • 500 मेगावाट हिरोंग परियोजना
    • 186 मेगावाट टाटो-I परियोजना
    • 700 मेगावाट टाटो-II परियोजना
  • नायिंग परियोजना को 2013 में केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण की स्वीकृति प्राप्त हुई थी।
  • यह परियोजना भारत के नेट-ज़ीरो कार्बन उत्सर्जन लक्ष्य में सहयोग प्रदान करेगी।
  • परियोजना के कार्यान्वयन से स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलने की भी उम्मीद है।
Originally written on October 16, 2025 and last modified on October 16, 2025.

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