अरुणाचल प्रदेश में मिला नया ऑर्किड ‘गैस्ट्रोकाइलस पेची’: भारत की जैव विविधता को नई पहचान

भारत की जैव विविधता में एक और अनमोल रत्न जुड़ गया है। अरुणाचल प्रदेश के विजय नगर क्षेत्र में शोधकर्ताओं ने ‘गैस्ट्रोकाइलस पेची’ नामक ऑर्किड प्रजाति की खोज की है, जिसे पहले केवल म्यांमार में ही पाया गया था। यह खोज भारत के ऑर्किड राज्य कहे जाने वाले अरुणाचल प्रदेश की समृद्ध वनस्पति विविधता को और भी मजबूती से सामने लाती है।

गैस्ट्रोकाइलस पेची: एक दुर्लभ पुष्पीय खोज

‘गैस्ट्रोकाइलस पेची’ ऑर्किड की ‘गैस्ट्रोकाइलस’ नामक वंश में आने वाली प्रजाति है, जो सामान्यतः छोटे पेड़ों की शाखाओं पर, नमी वाले सदाबहार वनों में, नदी किनारों के पास उगती है। यह पुष्प सितंबर से अक्टूबर के बीच खिलता है और अपने विशेष आकार व रंग-बिरंगे पुष्पों के कारण पहचाना जाता है।

खोज का वैज्ञानिक महत्व

इस दुर्लभ ऑर्किड की पहचान विनय कुमार सहानी, मिनोम पर्टिन (SEED संस्था, चांगलांग) और ख्यांजीत गोगोई (पूर्वी असम स्थित ऑर्किड संरक्षण केंद्र) द्वारा की गई। खोज से संबंधित अध्ययन को अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रिका Lankesteriana (कोस्टा रिका) में प्रकाशित किया गया है। वैज्ञानिकों ने पुष्पों की बनावट, सेपल्स और पंखुड़ियों की गहन जांच के आधार पर इसकी पहचान की।

गैस्ट्रोकाइलस वंश की विशेषताएं

  • यह एक मोनोपोडियल ऑर्किड वंश है जिसमें वर्तमान में लगभग 77 प्रजातियाँ ज्ञात हैं।
  • इसकी विशेषता होती है:

    • छोटी, बगल से निकलने वाली पुष्पगुच्छीय संरचना।
    • रंगीन और विशिष्ट आकृति वाले फूल।
    • सैकेट हाइपोचाइल के अग्र भाग पर विशेष एपिकाइल।
    • दो गोलाकार पराग-कोष (pollinia) जो एक पतले डंठल पर लगे होते हैं।

भारत और म्यांमार के बीच वनस्पतिक समानता

इस खोज का महत्व केवल जैव विविधता में वृद्धि तक सीमित नहीं है। यह म्यांमार और अरुणाचल प्रदेश के बीच वनस्पति संबंधों का प्रमाण भी प्रस्तुत करता है। पहले यह प्रजाति केवल म्यांमार के काचिन क्षेत्र के पुटाओ काउंटी के नुआंगमेंग शहर में दर्ज की गई थी। अब भारत में भी इसकी उपस्थिति वनस्पति विज्ञान के क्षेत्र में नए संवाद खोलती है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • गैस्ट्रोकाइलस वंश: ऑर्किड परिवार की एक शाखा, जिसकी शुरुआत 1825 में हुई थी।
  • गैस्ट्रोकाइलस पेची: पहले केवल म्यांमार में मिलने वाला ऑर्किड, अब भारत में भी दर्ज।
  • ऑर्किड राज्य: अरुणाचल प्रदेश, जहाँ भारत के लगभग 60% ऑर्किड प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
  • विजय नगर, अरुणाचल प्रदेश: भारत के सबसे दूरस्थ प्रशासनिक सर्कलों में से एक, म्यांमार की सीमा से सटा हुआ क्षेत्र।

गैस्ट्रोकाइलस पेची की यह खोज भारत के जैविक खजाने की गहराई को दर्शाती है और इस बात की याद दिलाती है कि हमारी वनस्पति संपदा अभी भी अनगिनत रहस्यों से भरी है। यह खोज न केवल वैज्ञानिकों के लिए रोमांचक है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी एक प्रेरणा है।

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