अरुणाचल प्रदेश में ईको-टूरिज्म को बढ़ावा: कामलांग टाइगर रिजर्व में बनेगा नेचर ट्रेल और एंगलिंग स्पॉट
अरुणाचल प्रदेश के उपमुख्यमंत्री चोना मेन ने बृहस्पतिवार को घोषणा की कि राज्य सरकार लोहीट जिले के कामलांग टाइगर रिजर्व क्षेत्र में एक ‘नेचर ट्रेल’ और ‘एंगलिंग स्पॉट’ विकसित करेगी। इसका उद्देश्य पर्यटन को बढ़ावा देना और स्थानीय समुदायों को सशक्त बनाना है। यह घोषणा वाकरो में आयोजित दूसरे ‘बटरफ्लाई मीट’ के अवसर पर की गई, जहाँ उन्होंने पर्यावरण संरक्षण और विकास के बीच संतुलन बनाए रखने के सरकार के दृष्टिकोण को रेखांकित किया।
राज्य सरकार की यह पहल अरुणाचल की जैव विविधता को संरक्षित करने के साथ-साथ स्थानीय लोगों को टिकाऊ आजीविका के अवसर प्रदान करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। उपमुख्यमंत्री ने भविष्य में राज्य के किसी उपयुक्त सुदूरवर्ती स्थान पर ‘बटरफ्लाई पार्क’ की स्थापना की योजना भी साझा की।
बटरफ्लाई मीट: जैव विविधता के प्रति जागरूकता की पहल
चोना मेन ने वाकरो बटरफ्लाई मीट की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के आयोजन न केवल पारिस्थितिकी तंत्र में तितलियों की महत्ता को उजागर करते हैं, बल्कि युवाओं में संरक्षण की भावना भी जागृत करते हैं। उन्होंने कहा, “नमदाफा बटरफ्लाई मीट और ज़ीरो बटरफ्लाई मीट ने जिस प्रकार पूर्वोत्तर में जागरूकता फैलाई है, वही उत्साह वाकरो में भी दिख रहा है, जो अत्यंत सुखद है।”
उन्होंने कामलांग वैली नेचर क्लब, नॉर्थ ईस्टर्न इंडिया बटरफ्लाई ग्रुप, कामलांग टाइगर रिजर्व और वाइल्डलाइफ सैंक्चुरी, विशेषज्ञों और स्वयंसेवकों के प्रयासों की भी सराहना की, जिन्होंने जैव विविधता के संरक्षण और ईको-टूरिज्म को प्रोत्साहित करने में उल्लेखनीय योगदान दिया है।
जैव विविधता और ईको-टूरिज्म की संभावनाएं
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में अब तक 582 तितली प्रजातियों की पहचान की जा चुकी है और नियमित रूप से नई प्रजातियाँ भी खोजी जा रही हैं, जिससे राज्य की पारिस्थितिक महत्ता की पुष्टि होती है। इन तितलियों को न केवल जैव विविधता का प्रतीक माना जाता है, बल्कि इनका संरक्षण भी पूरे पारिस्थितिक तंत्र के संतुलन के लिए आवश्यक है।
ईको-टूरिज्म को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राज्य सरकार विभिन्न सांस्कृतिक और सामुदायिक गतिविधियों को भी प्रोत्साहित कर रही है। आगामी ‘सनराइज़ फेस्टिवल’ (अंजॉ जिले में), ‘वालोंग डे’ (1962 युद्ध की स्मृति में), और ‘नमसाई से नामती साइकिल यात्रा’ जैसी पहलें राज्य की सांझा विरासत और सामुदायिक भावना को प्रोत्साहित कर रही हैं।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- कामलांग टाइगर रिजर्व अरुणाचल प्रदेश के लोहीट जिले में स्थित है और जैव विविधता से समृद्ध क्षेत्र माना जाता है।
- राज्य में अब तक 582 तितली प्रजातियों की पहचान हो चुकी है, जो भारत के किसी भी राज्य में सबसे अधिक में से एक है।
- ‘बटरफ्लाई मीट’ जैसे आयोजन राज्य में ईको-टूरिज्म और संरक्षण को जोड़ने की सफल पहल बन रहे हैं।
- फ्रंटियर हाईवे का निर्माण विजय नगर तक पहुँच चुका है, जिससे क्षेत्र में कनेक्टिविटी और पर्यटन की नई संभावनाएं उभर रही हैं।