अयोध्या में राम दरबार की दूसरी प्राण प्रतिष्ठा और देश का इकलौता राजा राम मंदिर

पिछले वर्ष अयोध्या में रामलला की भव्य प्राण प्रतिष्ठा के बाद, इस वर्ष एक और महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन हुआ — राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा। रामलला, यानी बालक राम, की मूर्ति की स्थापना के बाद अब प्रभु श्रीराम को राजा रूप में प्रतिष्ठित किया गया है, जहाँ वे माता सीता, भाई लक्ष्मण और परम भक्त हनुमान के साथ विराजमान हैं। यह आयोजन अपेक्षाकृत सरल था, लेकिन इसके पीछे की धार्मिक और सांस्कृतिक भावना अत्यंत गहन है।

राम के विविध स्वरूप: बालक से लेकर राजा तक

अयोध्या रामजन्मभूमि होने के कारण यहां भगवान राम की दो स्वरूपों में पूजा की जाती है:

  • रामलला (बालक राम): वात्सल्य रूप में पूजनीय, मासूमियत और पवित्रता का प्रतीक।
  • राजा राम (राम दरबार): न्यायप्रिय और आदर्श शासक का प्रतीक, रामराज्य की भावना का केंद्र।

रामराज्य हिन्दू परंपरा में एक ऐसे राज्य का प्रतीक है जहाँ धर्म, न्याय और समरसता का साम्राज्य होता है।

ओरछा का राजा राम मंदिर: भारत में अनोखा

भारत में एकमात्र मंदिर जहाँ भगवान राम को “राजा” के रूप में पूजित किया जाता है, वह है रामराजा मंदिर — मध्यप्रदेश के ओरछा में स्थित। यहां भगवान राम को अयोध्या के राजा नहीं, बल्कि ओरछा के राजा के रूप में प्रतिष्ठित किया गया है।
इतिहास और किंवदंती:

  • यह मंदिर बुंदेला राजा मधुकर शाह (1554–1592) की पत्नी महारानी गणेश कुँवारी की आस्था का प्रतीक है।
  • महारानी ने अयोध्या से रामजी की मूर्ति लाकर ओरछा में स्थापित की, पर भगवान ने कुछ शर्तें रखीं:

    • उन्हें ओरछा का राजा माना जाए।
    • वे केवल पुष्य नक्षत्र में यात्रा करेंगे।
    • जहां पहली बार मूर्ति रखी जाएगी, वही उनका स्थायी निवास होगा।

इसी कारणवश गणेश कुँवारी ने उन्हें अपने महल में स्थापित किया, जो आज रामराजा मंदिर कहलाता है। पास में बना चतुर्भुज मंदिर, जहाँ राम की मूर्ति को रखना था, आज विष्णु को समर्पित है।

मंदिर की विशेषताएं

  • इस मंदिर में कोई शिखर नहीं है, क्योंकि यह मूलतः एक महल था।
  • यहाँ की आरती में सैन्य ध्वनि होती है और बंदूक सलामी दी जाती है।
  • मंदिर को आज भी राजकीय गार्ड ऑफ ऑनर मिलता है, और मेहमानों को बीड़ा व इत्तर भेंट किए जाते हैं, जैसे किसी दरबार में।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • रामराजा मंदिर, ओरछा: भारत का एकमात्र मंदिर जहाँ राम को राजा के रूप में पूजा जाता है।
  • मंदिर में 4 पुलिसकर्मी गार्ड ऑफ ऑनर के लिए नियुक्त होते हैं।
  • राम के प्रमुख रूप:

    • रामलला (बालक राम)
    • राजा राम (राजा रूप)
    • कोदंडधारी राम (धनुष-बाण धारण करने वाले योद्धा राम; दक्षिण भारत में प्रसिद्ध)

राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा और ओरछा के राजा राम की परंपरा भारतीय धार्मिक जीवन की गहराई और विविधता को दर्शाते हैं। राम न केवल ईश्वर के रूप में, बल्कि एक आदर्श बालक, पति, भाई, योद्धा और शासक के रूप में जन-जन के जीवन में उपस्थित हैं। यह बहुआयामी श्रद्धा ही राम को “मर्यादा पुरुषोत्तम” बनाती है — एक ऐसा आदर्श, जो युगों-युगों तक प्रासंगिक रहेगा।

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