अमेरिका में ट्रंप के टैरिफ आदेश अवैध घोषित: आपातकालीन शक्तियों की सीमाएं स्पष्ट

हाल ही में अमेरिकी फेडरल कोर्ट ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कई देशों पर लगाए गए टैरिफ (आयात कर) आदेशों को अवैध ठहराते हुए कहा है कि राष्ट्रपति के पास इतने व्यापक अधिकार नहीं हैं कि वे अकेले ऐसे निर्णय ले सकें। 7-4 के बहुमत से यह फैसला US कोर्ट ऑफ अपील्स फॉर द फेडरल सर्किट ने सुनाया, जिसमें मई में मैनहटन ट्रेड कोर्ट के निर्णय को बरकरार रखा गया। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट में अपील के लिए निर्णय के क्रियान्वयन को अक्टूबर तक स्थगित किया गया है।
IEEPA: राष्ट्रपति की आपातकालीन शक्ति का कानूनी आधार
1977 में पारित International Emergency Economic Powers Act (IEEPA) अमेरिकी राष्ट्रपति को राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेश नीति या अर्थव्यवस्था पर किसी “असामान्य और असाधारण” बाहरी खतरे की स्थिति में आपातकाल घोषित करने और त्वरित आर्थिक कदम उठाने की अनुमति देता है। यह कानून Trading with the Enemy Act (1917) की जगह लाया गया था।
अतीत में राष्ट्रपति कार्टर ने 1979 ईरान बंधक संकट के दौरान और जॉर्ज बुश ने 9/11 हमले के बाद इस कानून के तहत विदेशी संपत्तियों को जब्त करने जैसे कदम उठाए थे। लेकिन इन सभी निर्णयों का लक्ष्य विदेशी तत्वों पर सीधा प्रभाव डालना था, न कि घरेलू व्यापार नीतियों को बदलना।
ट्रंप का अपवादात्मक उपयोग
डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति बनने के बाद IEEPA का प्रयोग पारंपरिक तरीकों से हटकर किया। उन्होंने इसे अमेरिकी व्यापार घाटे को “राष्ट्रीय आपातकाल” घोषित करने के लिए इस्तेमाल किया और कई देशों पर तुरंत टैरिफ थोप दिए — बिना कांग्रेस की मंजूरी, सार्वजनिक चर्चा या विशेषज्ञ परामर्श के।
- 1 फरवरी को ट्रंप ने मैक्सिको और कनाडा पर 25% टैरिफ लगाए, अवैध आव्रजन और ड्रग्स तस्करी रोकने के बहाने।
- 2 अप्रैल को “Liberation Day” नामक घोषणा में दो प्रकार के टैरिफ लागू किए: एक 10% का सार्वभौमिक टैरिफ और दूसरा “प्रतिशोधात्मक टैरिफ” उन देशों पर जिनके साथ अमेरिका को व्यापार घाटा है।
कोर्ट का क्या कहना है?
मई में US कोर्ट ऑफ इंटरनेशनल ट्रेड ने कहा कि IEEPA राष्ट्रपति को “असीमित टैरिफ” लगाने की अनुमति नहीं देता। ट्रंप के दोनों टैरिफ आदेशों को “अल्ट्रा वायर्स” यानी अधिकार क्षेत्र से बाहर घोषित किया गया। कोर्ट ने यह भी माना कि:
- फेंटेनिल टैरिफ, जो ड्रग्स तस्करी रोकने के नाम पर लगाए गए थे, आपातकालीन शक्ति के अंतर्गत नहीं आते क्योंकि इनका सीधा संबंध घोषित संकट से नहीं था।
- राष्ट्रपति ने कानून की सीमाओं का उल्लंघन किया और गलत आधारों पर आपातकाल का उपयोग किया।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- IEEPA अधिनियम: 1977 में लागू, विदेशी खतरों से निपटने हेतु राष्ट्रपति को आपातकालीन शक्तियाँ देता है।
- पहली बार प्रयोग: 1979 में ईरान संकट के दौरान राष्ट्रपति जिमी कार्टर द्वारा।
- ट्रंप के विवादित आदेश: 10% सामान्य और “reciprocal” टैरिफ; ड्रग्स रोकने के लिए मैक्सिको-कनाडा पर 25% टैरिफ।
- सेक्टर-विशिष्ट टैरिफ (जिनपर यह फैसला लागू नहीं होता): स्टील, एल्युमिनियम, ऑटोमोबाइल, चिप्स, फार्मा आदि, जो अन्य व्यापार कानूनों जैसे सेक्शन 232 और 301 के अंतर्गत आते हैं।
ट्रंप की रणनीति में IEEPA के तहत व्यापार घाटे और आर्थिक प्रतिस्पर्धा को “राष्ट्रीय आपातकाल” बताकर त्वरित टैरिफ लगाने की प्रवृत्ति देखी गई। लेकिन हालिया कोर्ट निर्णय ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति की शक्तियाँ भी सीमित हैं और उन्हें न्यायिक समीक्षा के अधीन रहना होगा। यह फैसला अमेरिका में कार्यपालिका बनाम न्यायपालिका की संतुलन-व्यवस्था को फिर से रेखांकित करता है।