अमर जवान ज्योति (Amar Jawan Jyoti) को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में क्यों विलीन किया गया?
इंडिया गेट में स्थित अमर जवान ज्योति का राष्ट्रीय युद्ध स्मारक (National War Memorial – NWM) में अखंड ज्योति में विलय किया गया।
मुख्य बिंदु
एक छोटे से समारोह में अमर जवान ज्योति ज्वाला का एक हिस्सा लिया गया और राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में ज्योति के साथ मिला दिया गया, जो इंडिया गेट के दूसरी तरफ 400 मीटर दूर है। इस समारोह की अध्यक्षता एकीकृत रक्षा स्टाफ के प्रमुख एयर मार्शल बी.आर. कृष्णा ने की।
अमर जवान ज्योति (Amar Jawan Jyoti)
अमर जवान ज्योति का निर्माण भारतीय सैनिकों के लिए एक स्मारक के रूप में किया गया था, जो 1971 के भारत-पाक युद्ध में कार्रवाई में वीरगति को प्राप्त हुए थे। भारत ने 1971 के युद्ध में जीत हासिल की थी, जिससे बांग्लादेश का निर्माण हुआ। अमर जवान ज्योति का उद्घाटन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 26 जनवरी 1972 को किया था।
राष्ट्रीय युद्ध स्मारक (National War Memorial)
- प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 फरवरी, 2019 को एनडब्ल्यूएम का उद्घाटन किया था
- राष्ट्रीय युद्ध स्मारक 40 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ है।
- राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में चार वृत्त हैं – अमर चक्र, वीरता चक्र, त्याग चक्र तथा रक्षक चक्र। इसमें ग्रेनाइट पर सुनहरे शब्दों में 25,942 सैनिकों के नाम लिखे हुए हैं।
- इस युद्ध स्मारक का निर्माण 176 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है।
- इस युद्ध स्मारक के द्वारा 1962 के भारत चीन युद्ध, 1965 से 1971 के भारत-पाक युद्ध, श्रीलंका में भारतीय शांति बल तथा 1999 कारगिल युद्ध के सैनिकों को श्रद्धांजली दी गयी है।
- इस प्रोजेक्ट के लिए 18 दिसम्बर, 2015 को मंज़ूरी दी गयी। इस प्रोजेक्ट का कार्य फरवरी, 2018 में शुरू हुआ। एक वर्ष के भीतर ही यह निर्माण कार्य पूरा हो गया।
- इस युद्ध स्मारक में परम योद्धा स्थल में 21 परम वीर चक्र विजेताओं की मूर्तियाँ भी बनायीं गयी हैं।
Originally written on
January 21, 2022
and last modified on
January 21, 2022.