अबू धाबी में IUCN कांग्रेस में भारत की पहली रेड लिस्ट होगी जारी

भारत अक्टूबर 2025 में अबू धाबी में आयोजित होने जा रही अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) की विश्व संरक्षण कांग्रेस में अपनी पहली “लुप्तप्राय प्रजातियों की रेड लिस्ट” (Red List of Endangered Species) का अनावरण करेगा। यह सूची भारत के जैवविविधता संरक्षण प्रयासों की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर मानी जा रही है। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन तथा विदेश राज्य मंत्री किर्ति वर्धन सिंह इस कार्यक्रम में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।
रेड लिस्ट: भारत की नई पहल
IUCN की रेड लिस्ट वैश्विक स्तर पर प्रजातियों की संरक्षण स्थिति की पहचान करने के लिए एक मान्यता प्राप्त उपकरण है। भारत द्वारा अपनी राष्ट्रीय रेड लिस्ट प्रस्तुत करना यह दर्शाता है कि देश अब संरक्षण नीति निर्माण में अधिक आत्मनिर्भर और वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपना रहा है।
यह सूची देश में संकटग्रस्त, संकटापन्न और विलुप्तप्राय प्रजातियों को चिन्हित करेगी और उनके संरक्षण के लिए एक सशक्त योजना तैयार करने में मदद करेगी।
IUCN विश्व संरक्षण कांग्रेस का महत्व
IUCN की यह कांग्रेस हर चार वर्षों में आयोजित होती है, जिसमें दुनिया भर के वैज्ञानिक, नीति विशेषज्ञ, व्यापारिक नेता और संरक्षण कार्यकर्ता एक मंच पर आते हैं। इस बार की कांग्रेस 9 से 15 अक्टूबर 2025 तक अबू धाबी, संयुक्त अरब अमीरात में आयोजित हो रही है।
कांग्रेस के पाँच प्रमुख विषय हैं:
- टिकाऊ संरक्षण कार्यों को बढ़ाना
- जलवायु संकट को नियंत्रित करने के प्रयास
- समानता और समावेशन सुनिश्चित करना
- प्रकृति-प्रेरित अर्थव्यवस्था और समाज की ओर संक्रमण
- नवाचार और नेतृत्व द्वारा संरक्षण में बदलाव
भारत की IUCN से पुरानी साझेदारी
भारत वर्ष 1969 से IUCN का राज्य सदस्य है और जैवविविधता, वन्यजीव संरक्षण और जलवायु परिवर्तन के मुद्दों पर सक्रिय रूप से भाग लेता आया है। इस वर्ष की रेड लिस्ट पहल इस सहयोग को और भी मजबूत बनाएगी।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- IUCN की स्थापना 1948 में हुई थी और इसका मुख्यालय स्विट्ज़रलैंड के ग्लैंड शहर में स्थित है।
- IUCN रेड लिस्ट में अब तक 150,000 से अधिक प्रजातियाँ सूचीबद्ध हो चुकी हैं।
- भारत में लगभग 7.6% स्तनधारी, 12.6% पक्षी, और 6.2% सरीसृप प्रजातियाँ वैश्विक जैवविविधता में योगदान देती हैं।
- IUCN कांग्रेस का पिछला आयोजन 2021 में मार्से, फ्रांस में हुआ था, जिसमें लगभग 9,200 प्रतिभागियों ने भाग लिया था।