अबू धाबी में वर्ल्ड जिउ-जित्सु चैम्पियनशिप में भारत की जियोवाना डी सेक्वेरा ने जीता कांस्य पदक
भारत की उभरती युवा एथलीट जियोवाना डी सेक्वेरा ने अबू धाबी में आयोजित वर्ल्ड प्रोफेशनल जिउ-जित्सु चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीतकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का गौरव बढ़ाया है। 10 वर्षीय जियोवाना ने “इंफैंट/गर्ल्स जी” श्रेणी के 28 किलोग्राम से कम भार वर्ग में यह सफलता हासिल की। उनका प्रदर्शन अनुशासन, तकनीकी कौशल और दृढ़ संकल्प का उत्कृष्ट उदाहरण रहा।
चोट के बाद अद्भुत वापसी
जियोवाना की यह उपलब्धि और भी विशेष है क्योंकि उन्होंने केवल पाँच महीने पहले घुटने की सर्जरी करवाई थी। इतनी कम अवधि में पुनर्वास के बाद प्रतिस्पर्धी खेलों में लौटना उल्लेखनीय है। उन्होंने इस वर्ष की शुरुआत में किकबॉक्सिंग नेशनल चैम्पियनशिप में भाग लेकर अपनी फिटनेस और लय को पुनः प्राप्त किया, जिसके बाद उन्होंने अंतरराष्ट्रीय जिउ-जित्सु प्रतियोगिता में शानदार वापसी की।
परिवार और प्रशिक्षक का योगदान
जियोवाना की सफलता के पीछे उनके परिवार और कोच की अहम भूमिका रही। उनकी माँ लूर्देस डी सेक्वेरा ने बताया कि परिवार का लगातार सहयोग और प्रोत्साहन उनकी सबसे बड़ी ताकत रहा है। उनकी बहन एरिका डी सेक्वेरा और कोच रौनक सिंह ने उन्हें प्रशिक्षण, मानसिक तैयारी और आत्मविश्वास बनाए रखने में निरंतर सहयोग दिया। इस संयुक्त प्रयास ने उन्हें वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार किया।
डी सेक्वेरा बहनों की मार्शल आर्ट्स विरासत
जियोवाना की बड़ी बहन एरिका डी सेक्वेरा ने भी जिउ-जित्सु में उच्च स्तरीय अंतरराष्ट्रीय प्रमाणन हासिल किया है। दोनों बहनों की निरंतर प्रगति भारत के लिए गौरव की बात है और यह संकेत देती है कि भारतीय खिलाड़ी अब वैश्विक मार्शल आर्ट्स सर्किट में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कर रहे हैं।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- जियोवाना डी सेक्वेरा ने 28 किलोग्राम से कम भार वर्ग (इंफैंट/गर्ल्स जी कैटेगरी) में कांस्य पदक जीता।
- यह चैम्पियनशिप अबू धाबी में आयोजित हुई।
- जियोवाना की उम्र केवल 10 वर्ष है और उन्होंने हाल ही में घुटने की सर्जरी के बाद वापसी की है।
- उनकी बहन एरिका डी सेक्वेरा को उच्च स्तरीय अंतरराष्ट्रीय जिउ-जित्सु प्रमाणन प्राप्त है।
भारत की अंतरराष्ट्रीय जिउ-जित्सु में बढ़ती पहचान
डी सेक्वेरा बहनों की उपलब्धियाँ भारत की वैश्विक जिउ-जित्सु सर्किट में बढ़ती उपस्थिति का प्रतीक हैं। यह सफलता देश में बेहतर प्रशिक्षण ढाँचे, बढ़ती भागीदारी और उभरती प्रतिभाओं के विकास का परिणाम है। जियोवाना जैसी युवा एथलीट नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा बन रही हैं, जो अनुशासन और दृढ़ निश्चय के साथ भारत को विश्व मार्शल आर्ट्स मंच पर नई ऊँचाइयों तक पहुँचा सकती हैं।