अप्रैल-जून तिमाही 2020 में शहरी बेरोजगारी दर 20.8% रही

अप्रैल-जून तिमाही 2020 में शहरी बेरोजगारी दर 20.8% रही

19 जुलाई, 2021 को श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा है कि अप्रैल-जून 2020 की तिमाही में शहरी भारत में 20.8% की बेरोजगारी दर देखी गई। इस अवधि में कोविड-19 की पहली लहर के प्रसार को रोकने के लिए लॉकडाउन लागू किया गया था।

मुख्य बिंदु

  • देश में शहरी बेरोजगारी अप्रैल-जून 2020 तिमाही में 20.8% के उच्च स्तर पर पहुंच गई थी, खासकर जब से देश दो महीने के कठोर लॉकडाउन के अधीन था।
  • आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (Periodic Labour Force Surve) की तिमाही बुलेटिन के अनुसार जुलाई-सितंबर 2019, अक्टूबर-दिसंबर 2019, जनवरी-मार्च 2020 और अप्रैल-जून 2020 को समाप्त होने वाली तिमाहियों के लिए तिमाही बेरोजगारी दर क्रमशः 8.3%, 7.8%, 9.1% और 20.8% थी।
  • उन्होंने यह भी उल्लेख किया है कि देश के पूर्ण रोजगार या बेरोजगारी की स्थिति का आकलन केवल शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों को कवर करने वाले पूरे वर्ष के सर्वेक्षण के आंकड़ों से ही किया जा सकता है।
  • वार्षिक Periodic Labour Force Surve डेटा वर्ष 2018-19 तक उपलब्ध है। उस परिणाम के अनुसार, 2017-18 और 2018-19 के दौरान देश में बेरोजगारी दर क्रमशः 6.0% और 5.8% थी।
  • उन्होंने यह भी कहा है कि सरकार ने आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना जैसी योजनाओं के कार्यान्वयन के माध्यम से भारत में नौकरियों को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की हैं।

आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना (Aatmanirbhar Bharat Rojgar Yojana)

यह योजना कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) द्वारा क्रियान्वित की जा रही है। 1000 कर्मचारियों तक वाली कंपनियों के लिए सरकार कर्मचारियों के योगदान (12%) और नियोक्ता के योगदान (12%) यानी कर्मचारी भविष्य निधि के लिए वेतन का 24% दोनों का भुगतान करेगी। 1000 से अधिक कर्मचारियों वाली कंपनियों के लिए, सरकार केवल EPF योगदान के कर्मचारियों के हिस्से का भुगतान करेगी जो कि कर्मचारी भविष्य निधि के लिए 12% है। यह 2 साल की अवधि के लिए किया जाएगा।

Originally written on July 20, 2021 and last modified on July 20, 2021.

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