अध्ययन से बाढ़ के मैदानों पर धातु खनन संदूषण के वैश्विक प्रभाव की पुष्टि हुई

हाल ही में साइंस जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन का अनुमान है कि दुनिया भर में लगभग 23 मिलियन लोग धातु खनन गतिविधि से जहरीले कचरे से दूषित बाढ़ के मैदानों पर रहते हैं। शोध में 1,85,000 धातु खदानों के वैश्विक डेटाबेस का उपयोग किया गया और नदियों, बाढ़ के मैदानों और मानव आबादी पर प्रदूषण के प्रभाव का आकलन किया गया।
संदूषण का दायरा
- इस अध्ययन में अवशेष भंडारण सुविधाओं सहित सक्रिय और निष्क्रिय धातु खनन स्थलों से संदूषण पर विचार किया गया।
- इसमें सीसा, जस्ता, तांबा और आर्सेनिक जैसे हानिकारक संदूषकों की जांच की गई, जिन्हें खनन कार्यों से नीचे की ओर ले जाया जा सकता है और नदी चैनलों और बाढ़ के मैदानों में जमा किया जा सकता है।
- प्रदूषण लगभग 4,79,200 किलोमीटर नदी चैनलों को प्रभावित करता है और वैश्विक स्तर पर 1,64,000 वर्ग किलोमीटर बाढ़ के मैदानों को कवर करता है।
मानवीय प्रभाव
- इन प्रभावित बाढ़ क्षेत्रों में लगभग 23.48 मिलियन लोग रहते हैं।
- ये क्षेत्र 5.72 मिलियन पशुधन का समर्थन करते हैं और 65,000 वर्ग किलोमीटर से अधिक सिंचित भूमि को कवर करते हैं।
- इन दूषित पदार्थों के मानव संपर्क के मार्गों में सीधा संपर्क, अंतर्ग्रहण, साँस लेना और दूषित पानी और भोजन का सेवन शामिल है।
- स्वास्थ्य संबंधी खतरे विशेष रूप से कम आय वाले देशों और मौजूदा जल-संबंधी बीमारियों वाले क्षेत्रों में चिंताजनक हैं।
वैश्विक मांग और स्थिरता
- यह अध्ययन हरित ऊर्जा संक्रमण के कारण धातुओं और खनिजों की बढ़ती मांग के बीच आया है।
- अधिकांश प्रदूषण औद्योगिक युग की विरासत है, आधुनिक खनन में पर्यावरणीय स्थिरता पर जोर बढ़ रहा है।
Originally written on
October 6, 2023
and last modified on
October 6, 2023.