अटल बिहारी वाजपेयी की जन्मशती: सुशासन और प्रेरणा का उत्सव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 दिसंबर को लखनऊ का दौरा करेंगे, जहाँ वे भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 100वीं जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रमों में शामिल होंगे। यह दिन पूरे देश में “सुशासन दिवस” के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर वाजपेयी जी के राजनीतिक, सामाजिक और विकासात्मक योगदान को स्मरण करते हुए कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
लखनऊ में जन्मशती समारोह
प्रधानमंत्री मोदी इस दौरान उन वरिष्ठ भारतीय जनता पार्टी नेताओं का सम्मान करेंगे जिन्होंने वाजपेयी जी के साथ कार्य किया था। यह आयोजन न केवल राजनीतिक महत्व रखता है, बल्कि पूरे देश में वाजपेयी जी के प्रति गहरे सम्मान और स्नेह का प्रतीक भी है। प्रधानमंत्री एक जनसभा को संबोधित करेंगे, जिसमें वे वाजपेयी के सुशासन के सिद्धांतों की आज के दौर में प्रासंगिकता पर प्रकाश डालेंगे।
नई शैक्षणिक योजनाओं की घोषणा
वाजपेयी जी की जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी उनके नाम पर नई शैक्षणिक योजनाएँ लॉन्च करेंगे। इन योजनाओं का उद्देश्य समावेशी शिक्षा, कौशल विकास और युवाओं को सशक्त बनाना है। यह पहल वाजपेयी जी की उस दीर्घकालिक दृष्टि को आगे बढ़ाती है जिसमें उन्होंने गुणवत्तापूर्ण और सुलभ शिक्षा को राष्ट्र निर्माण का आधार माना था।
प्रेरणा स्थल संग्रहालय का उद्घाटन
प्रधानमंत्री की इस यात्रा का प्रमुख आकर्षण “प्रेरणा स्थल” संग्रहालय का उद्घाटन होगा। लखनऊ स्थित इस नए संग्रहालय में अटल बिहारी वाजपेयी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय और डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी से जुड़ी वस्तुएँ, दस्तावेज़ और दुर्लभ तस्वीरें संरक्षित की गई हैं। यह स्थल उनके विचारों और योगदानों को एक प्रेरणादायक रूप में प्रस्तुत करता है, जिससे नई पीढ़ी राष्ट्रनिर्माण के मूल्यों को समझ सके।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- 25 दिसंबर को पूरे भारत में सुशासन दिवस के रूप में मनाया जाता है।
- अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को ग्वालियर में हुआ था।
- उन्होंने तीन बार प्रधानमंत्री पद संभाला, जिसमें 1999 से 2004 तक का कार्यकाल पूर्ण था।
- वाजपेयी को 2015 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
वाजपेयी की सुशासन विरासत
अटल बिहारी वाजपेयी का शासनकाल भारत के प्रशासनिक सुधारों का स्वर्ण अध्याय माना जाता है। उनके नेतृत्व में किसान क्रेडिट कार्ड योजना, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, सर्व शिक्षा अभियान और राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य कार्यक्रम जैसी योजनाओं की शुरुआत हुई। इन नीतियों ने ग्रामीण संपर्क, शिक्षा की पहुँच और सार्वजनिक सेवाओं को मजबूत किया।