‘अग्रिएनिक्स’ कार्यक्रम के अंतर्गत पांच स्वदेशी तकनीकों का हस्तांतरण और लॉन्च

‘अग्रिएनिक्स’ कार्यक्रम के अंतर्गत पांच स्वदेशी तकनीकों का हस्तांतरण और लॉन्च

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) के सचिव श्री एस. कृष्णन ने हाल ही में कृषि और पर्यावरण क्षेत्र में बड़ी पहल करते हुए ‘अग्रिएनिक्स’ (AgriEnIcs) कार्यक्रम के तहत विकसित पांच प्रमुख स्वदेशी तकनीकों के हस्तांतरण और उत्पाद लॉन्च की घोषणा की। ये तकनीकें किसानों, खाद्य गुणवत्ता नियंत्रकों और शहरी प्रशासन के लिए उपयोगी सिद्ध होंगी। इस कार्यक्रम को C-DAC, कोलकाता के नेतृत्व में देशभर की अनुसंधान, शिक्षण और औद्योगिक संस्थाओं के सहयोग से कार्यान्वित किया जा रहा है।

डेयरी क्षेत्र के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी आधारित समाधान

C-DAC (कोलकाता), IIT खड़गपुर और ICAR-NDRI, कल्याणी द्वारा विकसित दो प्रमुख तकनीकों को मि. हैंडहोल्डर्स ग्लोबल, भुवनेश्वर को हस्तांतरित किया गया:

  • गो-पी (Go-P): एक IP67-रेटेड कॉलर आधारित डिवाइस जो पशु के शारीरिक तापमान में परिवर्तन को मापता है, जिससे पशु की हीट स्थिति की सटीक पहचान कर कृत्रिम गर्भाधान को प्रभावी बनाया जा सकता है।
  • MAST-D: दूध में उपस्थित आयन सांद्रता के माध्यम से मास्टाइटिस संक्रमण की इलेक्ट्रोकेमिकल पहचान करता है, जिससे दुग्ध उत्पादकों को भारी नुकसान से बचाया जा सकता है।

यह पैकेज किसानों के लिए तेज, सटीक और किफायती समाधान प्रदान करता है।

दालें, चावल और सूखी लाल मिर्च की गुणवत्ता जांच प्रणाली

C-DAC, ICAR-IARI और FCI द्वारा विकसित इस प्रणाली को M/s Agnext Technologies, पंजाब को सौंपा गया। इसमें तीन प्रमुख तकनीकें हैं:

  • Grain-Ex: एक AI आधारित इमेज प्रोसेसिंग सिस्टम जो दालों की गुणवत्ता जैसे अपूर्ण दाने, क्षतिग्रस्त अनाज, अशुद्धियाँ आदि की पहचान करता है। यह तुर, मूंग, मसूर, चना, ज्वार और गेहूं सहित कई फसलों को सपोर्ट करता है।
  • CT-VIEU: यह प्रणाली सूखी लाल मिर्च की गुणवत्ता का विश्लेषण करने हेतु कन्वेयर बेल्ट और इमेजिंग यूनिट पर आधारित है। यह उपयोगकर्ता के अनुकूल ग्राफिकल इंटरफेस के माध्यम से रीयल टाइम रिपोर्ट तैयार करती है।
  • RIGE-Sense: चावल की आयु और गुणवत्ता की जांच के लिए विकसित यह प्रणाली मशीन विजन, AI/ML और स्वचालित रासायनिक विश्लेषण पर आधारित है। यह सार्वजनिक वितरण प्रणाली में चावल की गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु अत्यंत उपयोगी है।

गंध निगरानी प्रणाली – Odour Pravah

C-DAC, कोलकाता द्वारा विकसित यह पोर्टेबल, कम लागत वाली डिवाइस नगर निगम ठोस कचरा स्थलों, औद्योगिक अपशिष्ट इकाइयों और लैंडफिल क्षेत्रों में गंध से उत्पन्न समस्या से निपटने में सहायता करती है। यह फोटोनाइजेशन डिटेक्टर और इलेक्ट्रोकेमिकल गैस सेंसर के माध्यम से उच्च संवेदनशीलता के साथ रीयल टाइम गंध निगरानी सुनिश्चित करती है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • ‘अग्रिएनिक्स’ MeitY का कृषि और पर्यावरण के लिए समर्पित राष्ट्रीय कार्यक्रम है।
  • गो-पी और MAST-D प्रणाली पशुपालन क्षेत्र में कृत्रिम गर्भाधान और दूध की गुणवत्ता सुधार के लिए महत्वपूर्ण हैं।
  • Grain-Ex और RIGE-Sense प्रणाली AI और मशीन विजन पर आधारित स्वदेशी समाधान हैं।
  • Odour Pravah प्रणाली पर्यावरणीय अनुपालन और सार्वजनिक स्वास्थ्य की रक्षा में सहायक है।
Originally written on October 11, 2025 and last modified on October 11, 2025.

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