अंबिकापुर के ‘गार्बेज कैफे’ की पीएम मोदी ने की सराहना: स्वच्छता और सेवा का अनोखा संगम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ के 127वें संस्करण में छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर नगर निगम द्वारा संचालित ‘गार्बेज कैफे’ की खुले दिल से प्रशंसा की। उन्होंने इसे स्वच्छता, सेवा और सामाजिक चेतना का एक प्रेरणादायक मॉडल बताते हुए कहा कि यह पहल प्लास्टिक मुक्त शहर की दिशा में एक अनूठा कदम है, जो नागरिकों में सहयोग और जिम्मेदारी की भावना को भी मजबूत करता है।
गार्बेज कैफे: प्लास्टिक के बदले भोजन
इस अभिनव पहल के अंतर्गत नागरिक प्लास्टिक कचरे के बदले भोजन प्राप्त कर सकते हैं। यदि कोई व्यक्ति एक किलोग्राम प्लास्टिक जमा करता है तो उसे पूर्ण भोजन मिलता है, जबकि आधा किलोग्राम जमा करने पर नाश्ता प्रदान किया जाता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह न केवल शहर को स्वच्छ बनाए रखने का एक सशक्त माध्यम है, बल्कि करुणा और संवेदनशीलता का उदाहरण भी है।
अंबिकापुर नगर निगम द्वारा शुरू की गई यह पहल न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में मील का पत्थर है, बल्कि सामाजिक उत्तरदायित्व को भी बढ़ावा देती है। इस मॉडल को अब अन्य शहरों में भी अपनाने की आवश्यकता है, जिससे स्वच्छ भारत अभियान को और गति मिले।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- अंबिकापुर, छत्तीसगढ़ में संचालित गार्बेज कैफे में 1 किलो प्लास्टिक के बदले पूर्ण भोजन और 0.5 किलो पर नाश्ता दिया जाता है।
- प्रधानमंत्री मोदी ने ‘मन की बात’ के 127वें संस्करण (अक्टूबर 2025) में इस पहल की प्रशंसा की।
- यह पहल स्वच्छ भारत मिशन से प्रेरित है और कचरा प्रबंधन के साथ सामाजिक सेवा को जोड़ती है।
- गार्बेज कैफे की शुरुआत अंबिकापुर नगर निगम ने की, जो देश के सबसे स्वच्छ शहरों में गिना जाता है।
छत्तीसगढ़ सरकार की प्रतिक्रिया और व्यापक प्रभाव
प्रधानमंत्री के इस उल्लेख पर प्रतिक्रिया देते हुए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इसे राज्य के लिए गर्व का क्षण बताया। उन्होंने रायपुर के शांति नगर में प्रधानमंत्री का संबोधन सुनते हुए कहा कि ‘मन की बात’ आज नवाचार, जनसेवा और प्रेरणा की राष्ट्रीय मंच बन गया है, और उसमें छत्तीसगढ़ का समावेश होना गौरव की बात है।