अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस से पहले राजस्थान में योग महोत्सव का आयोजन किया गया

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस से पहले राजस्थान में योग महोत्सव का आयोजन किया गया

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (International Day of Yoga) के 50 दिनों की उलटी गिनती के अवसर पर, राजस्थान के जयपुर में श्री भवानी निकेतन कॉलेज में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान (Morarji Desai National Institute of Yoga) द्वारा आयोजित किया गया था और राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान, राजस्थान सरकार, स्थानीय अधिकारियों और विभिन्न संस्थानों द्वारा समर्थित किया गया था।

भारतीय संस्कृति में योग का महत्व

इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने भारतीय संस्कृति में योग की मौलिक भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्इहोंनेस बात पर जोर दिया है कि योग केवल एक अभ्यास नहीं बल्कि जीवन का एक तरीका है जो किसी के व्यक्तिगत विकास में योगदान दे सकता है। योग हजारों वर्षों से भारतीय संस्कृति का एक अनिवार्य हिस्सा रहा है।

आत्म-विकास के लिए योग का महत्व

केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने व्यक्तिगत विकास के लिए योग के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए नियमित रूप से योगाभ्यास करना चाहिए। योग केवल शारीरिक व्यायाम के बारे में नहीं बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के बारे में भी है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि योग एक ऐसा विज्ञान है जिसे पूरे विश्व ने मान्यता दी है।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के लिए नई पहल

श्री सोनोवाल ने घोषणा की कि इस वर्ष का अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस कुछ रोमांचक नई पहलों का गवाह बनेगा। इन पहलों में सबसे उल्लेखनीय है आर्कटिक और अंटार्कटिक क्षेत्रों में कॉमन योग प्रोटोकॉल का प्रदर्शन। ऐसा पहली बार होगा जब इस तरह का प्रदर्शन इन क्षेत्रों में होगा।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (International Yoga Day)

हर साल दुनिया भर में 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है, इसका उद्देश्य योग के लाभ के बारे में जागरूकता फैलाना है और लोगों को अपने स्वास्थ्य के परत सचेत करना है। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पहली बार वर्ष 2015 में मनाया गया था। इस दिन को मनाने का उद्देश्य योग का अभ्यास करने के लाभों के बारे में वैश्विक जागरूकता बढ़ाना है।

योग क्या है?

योग एक अभ्यास है जिसकी उत्पत्ति भारत में हुई। योग शब्द संस्कृत का शब्द है जिसका अर्थ है जुड़ना। योग शरीर और चेतना के एकीकरण का प्रतीक है। योग में 84 शास्त्रीय आसन हैं जैसे ताड़ासन, त्रिकोणासन, भुजंगासन आदि।

व्यस्त जीवन शैली के कारण पिछले कुछ दशकों में शारीरिक निष्क्रियता दुनिया भर में मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक बन गई है क्योंकि यह गैर-संचारी रोगों जैसे मधुमेह, हृदय रोग आदि का कारण बनती है। योग शारीरिक गतिविधि से अधिक है, यह न केवल अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है लेकिन दिन-प्रतिदिन के जीवन को संतुलित बनाए रखने में भी मदद करता है।

 

Originally written on May 2, 2023 and last modified on May 2, 2023.

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