अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए FDI नीति : मुख्य बिंदु

अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए FDI नीति : मुख्य बिंदु

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के प्रमुख के. सिवन के अनुसार, भारत जल्द ही अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए एक नई प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) नीति लेकर आएगा।

मुख्य बिंदु

भारतीय उद्योग परिसंघ (Confederation of Indian Industry – CII) द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष सम्मेलन में बोलते हुए के. सिवन ने कहा कि भारत की अंतरिक्ष फडी नीति को संशोधित किया जा रहा है और यह विदेशी अंतरिक्ष कंपनियों के लिए भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र में निवेश करने के अवसरों के लिए बड़े रास्ते खोलेगी।

स्काईरूट के साथ समझौता ज्ञापन

अंतरिक्ष विभाग ने हैदराबाद बेस्ड स्काईरूट एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड (Skyroot Aerospace Pvt Ltd) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। यह समझौता ज्ञापन स्टार्टअप को इसरो केंद्रों में कई परीक्षण और सुविधाओं तक पहुंच हासिल करने में सक्षम बनाता है। यह स्काईरूट को इसरो की तकनीकी विशेषज्ञता का लाभ उठाने में भी सक्षम बनाएगा ताकि वे अपने अंतरिक्ष प्रक्षेपण यान प्रणालियों और उप-प्रणालियों का परीक्षण कर सकें।

निजी क्षेत्र की भागीदारी

केंद्र सरकार ने अक्टूबर 2020 में अंतरिक्ष क्षेत्र में सुधार लाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है और निजी कंपनियों की भागीदारी की अनुमति दी है। इस अनुमोदन के साथ, इसरो ने उपग्रहों के व्यावसायिक उपयोग, संचार आवश्यकताओं के लिए ग्राउंड स्टेशनों और कक्षीय स्लॉट को विनियमित करने के लिए एक नया मसौदा स्पेसकॉम नीति 2020 (Spacecom Policy 2020) जारी की। यह नीति निजी कंपनियों को नए संचार उपग्रह और ग्राउंड स्टेशन स्थापित करने का प्राधिकरण प्राप्त करने में सक्षम बनाती है।

स्काईरूट (Skyroot)

स्काईरूट एक भारतीय निजी एयरोस्पेस निर्माता और वाणिज्यिक लॉन्च सेवा कंपनी है। यह हैदराबाद, तेलंगाना में स्थित है। इसकी स्थापना इसरो के पूर्व इंजीनियरों और वैज्ञानिकों ने की थी। इस कंपनी की स्थापना विशेष रूप से छोटे उपग्रह बाजार के लिए छोटे लिफ्ट लॉन्च वाहनों की अपनी श्रृंखला को विकसित करने और लॉन्च करने के उद्देश्य से की गई थी।

Originally written on September 14, 2021 and last modified on September 14, 2021.

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