अंतरराष्ट्रीय हिम तेंदुआ दिवस पर भारत की अनोखी पहल: ‘#23for23’ से जागरूकता की नई मिसाल

अंतरराष्ट्रीय हिम तेंदुआ दिवस पर भारत की अनोखी पहल: ‘#23for23’ से जागरूकता की नई मिसाल

भारत ने अंतरराष्ट्रीय हिम तेंदुआ दिवस के अवसर पर हिमालयी पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा और हिम तेंदुओं के संरक्षण को लेकर एक अनोखी पहल के साथ इस दिन को मनाया। ‘#23for23’ नामक इस अभियान के तहत देशभर के लोगों को 23 मिनट की शारीरिक गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रेरित किया गया, ताकि हिम तेंदुओं और उनके नाजुक आवासों के संरक्षण को लेकर जागरूकता फैलाई जा सके।

हिम तेंदुआ संरक्षण में भारत की उल्लेखनीय प्रगति

इस अभियान का नेतृत्व केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने किया। उन्होंने नागरिकों, संस्थानों और भारतीय सेना की भागीदारी की सराहना की और इसे एक रचनात्मक व सफल जन-जागरूकता पहल बताया। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की वन्यजीव संरक्षण नीति की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला।
मंत्री ने बताया कि भारत का हिम तेंदुआ संरक्षण कार्यक्रम अब तक उत्साहजनक परिणाम दे रहा है। हाल ही में संपन्न हुई देश की पहली हिम तेंदुआ जनगणना में कुल 718 हिम तेंदुओं की गिनती की गई, जिनमें से अकेले लद्दाख में 477 हिम तेंदुआ पाए गए। यह आंकड़े इस दिशा में भारत की गंभीरता और सफलता को दर्शाते हैं।

वैश्विक प्रयासों में भारत की भूमिका

अंतरराष्ट्रीय हिम तेंदुआ दिवस, ग्लोबल स्नो लेपर्ड एंड इकोसिस्टम प्रोटेक्शन प्रोग्राम (GSLEP) के उद्देश्यों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दोहराने का एक अवसर भी है। इस दिन भारत ने एक बार फिर यह स्पष्ट किया कि वह विज्ञान-आधारित निगरानी, आवास संरक्षण और स्थानीय समुदायों की भागीदारी के माध्यम से इस विलुप्तप्राय प्रजाति के दीर्घकालिक अस्तित्व को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • 23 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय हिम तेंदुआ दिवस मनाया जाता है।
  • भारत में पहली बार हुई हिम तेंदुआ जनगणना में कुल 718 तेंदुओं की पहचान की गई।
  • लद्दाख में हिम तेंदुओं की सबसे अधिक संख्या (477) दर्ज की गई है।
  • ‘#23for23’ अभियान के तहत 23 मिनट की शारीरिक गतिविधियों के माध्यम से संरक्षण जागरूकता फैलाई गई।
  • GSLEP कार्यक्रम का उद्देश्य हिम तेंदुओं और उनके पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा करना है।
Originally written on October 25, 2025 and last modified on October 25, 2025.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *