अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य नियमों में संशोधन: महामारी तैयारी की नई वैश्विक रूपरेखा

अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य नियमों में संशोधन: महामारी तैयारी की नई वैश्विक रूपरेखा

19 सितंबर 2025 से संशोधित अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य नियम (International Health Regulations – IHR) प्रभावी हो गए हैं, जो 196 देशों को बाध्य करते हैं — जिनमें 194 WHO सदस्य राष्ट्र और दो गैर-सदस्य शामिल हैं। यह संशोधन वैश्विक महामारी तैयारियों के दृष्टिकोण से एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है। इन नियमों के अंतर्गत हर देश को अपनी जनता के लिए कानून बनाने की स्वतंत्रता है, लेकिन साथ ही वह वैश्विक समुदाय को रोगों के खतरे से बचाने की जिम्मेदारी भी साझा करता है।

IHR का इतिहास और विकास

अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य सहयोग की नींव 1851 में पेरिस में आयोजित पहले अंतरराष्ट्रीय सैनिटरी सम्मेलन से पड़ी, जिसे यूरोप में फैली हैजा महामारी ने प्रेरित किया था। इसके बाद विभिन्न समुद्री और हवाई स्वास्थ्य संधियाँ बनीं, जिन्हें 1951 में WHO के गठन के बाद एकीकृत करके ‘International Sanitary Regulations’ का रूप दिया गया।
1969 में इसका नाम बदलकर IHR रखा गया और केवल तीन बीमारियों — हैजा, प्लेग और पीली बुखार — तक सीमित कर दिया गया। लेकिन 2003 में SARS महामारी ने इसकी सीमाओं को उजागर किया, जिसके बाद 2005 में व्यापक संशोधन किए गए, जिससे किसी भी “अंतरराष्ट्रीय चिंता के सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल” को इन नियमों के दायरे में लाया गया।

2024 के संशोधन: महामारी आपातकाल की नई परिभाषा

2024 में हुए संशोधनों में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि “Pandemic Emergency” को एक कानूनी श्रेणी के रूप में परिभाषित किया गया है। इसका तात्पर्य ऐसे संक्रामक रोग से है जो कई देशों में तेज़ी से फैलता है, स्वास्थ्य तंत्र को पंगु करता है और सामाजिक-आर्थिक जीवन को बाधित करता है। इससे WHO को समय रहते अंतरराष्ट्रीय समन्वय और संसाधन जुटाने की कानूनी वैधता मिलती है।

राष्ट्रीय IHR प्राधिकरण की स्थापना

संशोधन के तहत प्रत्येक देश को अब एक “National IHR Authority” नामित करनी होगी, जो विभिन्न मंत्रालयों और क्षेत्रों के बीच इन नियमों के कार्यान्वयन का समन्वय करेगी। भारत के संदर्भ में, यह जिम्मेदारी केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को सौंपी जा सकती है। इसके अंतर्गत निगरानी नेटवर्क, प्रयोगशाला क्षमताएं, और आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली को सशक्त किया जाएगा, साथ ही डेटा सुरक्षा उपाय भी अपनाए जाएंगे।

निगरानी और मूल्यांकन की प्रक्रिया

इन संशोधनों के अनुपालन की निगरानी के लिए WHO और सदस्य देश संयुक्त बाह्य मूल्यांकन (Joint External Evaluations – JEE) करते हैं, जिसमें अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ और देश के अधिकारी मिलकर प्रणालीगत तैयारियों का आकलन करते हैं। इससे देशों को अपने स्वास्थ्य ढांचे की कमजोरियों की पहचान और निवेश की प्राथमिकताएं तय करने में मदद मिलती है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • WHO की स्थापना 1948 में हुई थी और IHR पहली बार 1951 में लागू हुए थे।
  • 2005 के संशोधन के बाद IHR अब किसी भी संक्रामक या गैर-संक्रामक खतरे पर लागू होते हैं जो अंतरराष्ट्रीय चिंता का कारण बन सकता है।
  • महामारी आपातकाल की परिभाषा 2024 में पहली बार विधिवत शामिल की गई है।
  • भारत में IHR नियमों का कार्यान्वयन स्वास्थ्य मंत्रालय के अंतर्गत होता है, लेकिन संशोधन के बाद संसद द्वारा नए कानून बनाए जाने की संभावना है।
Originally written on October 3, 2025 and last modified on October 3, 2025.

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