अंतरराष्ट्रीय समुद्री नेविगेशन परिषद की मेज़बानी: भारत की वैश्विक समुद्री नेतृत्व की ओर मज़बूत पहल

अंतरराष्ट्रीय समुद्री नेविगेशन परिषद की मेज़बानी: भारत की वैश्विक समुद्री नेतृत्व की ओर मज़बूत पहल

भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुद्री नेविगेशन सहायता संगठन (IALA) की तीसरी परिषद बैठक का आयोजन मुंबई में किया, जो भारत के वैश्विक समुद्री शासन में बढ़ती भूमिका का स्पष्ट संकेत है। इस कार्यक्रम का उद्घाटन केंद्रीय बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने वर्चुअल रूप में किया।

IALA परिषद की मेज़बानी का महत्व

IALA परिषद की यह बैठक 8–12 दिसंबर तक चली और इसमें 42 परिषद सदस्य देशों सहित 30 से अधिक देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

  • यह आयोजन भारत की समुद्री सुरक्षा, नेविगेशन दक्षता और टिकाऊ समुद्री विकास के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
  • भारत का IALA परिषद में सक्रिय सदस्य होना अंतरराष्ट्रीय नेविगेशन मानकों को आकार देने में उसकी भूमिका को रेखांकित करता है।

लाइटहाउस टूरिज्म के लिए डिजिटल टिकटिंग पोर्टल लॉन्च

कार्यक्रम के दौरान भारत के 75 लाइटहाउस स्थलों के लिए एक समर्पित डिजिटल टिकटिंग पोर्टल लॉन्च किया गया।

  • यह पोर्टल पारदर्शिता, सुगमता और डिजिटल सेवा प्रदान करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
  • भारत के सभी लाइटहाउस अब सौर ऊर्जा से संचालित हैं, जिससे पर्यटन और सतत विकास दोनों को बढ़ावा मिलता है।

समुद्री नवाचार और वैश्विक सहयोग पर ज़ोर

सर्बानंद सोनोवाल ने अपने संबोधन में भारत की समुद्री विरासत और लोथल में बन रहे राष्ट्रीय समुद्री धरोहर परिसर की चर्चा की।

  • उन्होंने ऑटोनोमस शिपिंग, सैटेलाइट आधारित नेविगेशन, और डिजिटल वेसेल सिस्टम जैसे आधुनिक समुद्री नवाचारों की भूमिका पर ज़ोर दिया।
  • भारत ने IALA द्वारा नेविगेशन मानकों के वैश्विक समन्वय के प्रयासों को समर्थन देने की प्रतिबद्धता दोहराई।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • IALA की तीसरी परिषद सत्र 8–12 दिसंबर तक मुंबई में आयोजित हुआ।
  • 75 लाइटहाउस स्थलों के लिए डिजिटल टिकटिंग पोर्टल लॉन्च किया गया।
  • सभी भारतीय लाइटहाउस अब सौर ऊर्जा से संचालित हैं।
  • यह आयोजन भारत की Maritime India Vision 2030 और Maritime Amrit Kaal Vision 2047 के अनुरूप है।

भारत की दीर्घकालिक समुद्री रणनीति

मंत्री ने भारत के राष्ट्रीय समुद्री दृष्टि दस्तावेजों की चर्चा की, जिनका फोकस इन क्षेत्रों पर है:

  • बंदरगाह आधुनिकीकरण
  • जहाज़ निर्माण
  • लॉजिस्टिक्स सुधार
  • हरित नौवहन (Green Shipping)
  • डिजिटलाइजेशन

भारत उन्नत aids-to-navigation systems, क्षमता निर्माण, और वैश्विक साझेदारियों में निरंतर निवेश कर रहा है, जिससे वह सुरक्षित, स्मार्ट और टिकाऊ समुद्री विकास में विश्व का एक प्रमुख नेतृत्वकर्ता बन सके।

यह आयोजन भारत को वैश्विक समुद्री समुदाय में एक रणनीतिक, नवोन्मेषी और उत्तरदायी साझेदार के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक ठोस कदम है।

Originally written on December 11, 2025 and last modified on December 11, 2025.

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