अंतरराष्ट्रीय लोकतांत्रिक मंच पर भारत का ऐतिहासिक नेतृत्व
भारत ने वैश्विक लोकतांत्रिक मंच पर एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने पुष्टि की है कि वर्ष 2026 में भारत पहली बार “इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर डेमोक्रेसी एंड इलेक्टोरल असिस्टेंस” (इंटरनेशनल IDEA) की अध्यक्षता करेगा। यह घोषणा भारत की चुनावी व्यवस्था की विश्व स्तर पर मान्यता का प्रतीक है और लोकतांत्रिक सहयोग के क्षेत्र में उसकी बढ़ती प्रतिष्ठा को दर्शाती है।
भारत की वैश्विक चुनावी नेतृत्व में बढ़ती भूमिका
भारत का चुनाव आयोग वर्षों से स्वतंत्र, निष्पक्ष और बड़े पैमाने पर चुनाव कराने के लिए जाना जाता है। इसी उत्कृष्टता के कारण 37 देशों के लोकतांत्रिक समूह ने भारत को यह नेतृत्व सौंपने का निर्णय लिया है। भारत औपचारिक रूप से 3 दिसंबर 2026 को स्टॉकहोम में IDEA की अध्यक्षता संभालेगा। यह कदम अंतरराष्ट्रीय चुनावी सुधार, तकनीकी सहयोग और नीति संवाद में भारत की निर्णायक भूमिका को और मजबूत करेगा।
इंटरनेशनल IDEA की भूमिका और महत्व
सन् 1995 में स्थापित इंटरनेशनल IDEA विश्वभर में लोकतांत्रिक संस्थानों को सशक्त बनाने का कार्य करती है। इसका मुख्य उद्देश्य चुनावी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता, भागीदारी और क्षमता निर्माण को बढ़ावा देना है। इसके 35 सदस्य देश हैं, जबकि जापान और अमेरिका इसके प्रेक्षक (Observers) के रूप में शामिल हैं। वर्ष 2003 से इस संगठन को संयुक्त राष्ट्र महासभा में प्रेक्षक का दर्जा प्राप्त है। भारत, एक संस्थापक सदस्य होने के नाते, इसके शोध और प्रशिक्षण कार्यक्रमों में सक्रिय योगदान देता आया है।
भारत: विश्व की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक प्रणाली
भारत में 991 मिलियन (99.1 करोड़) पंजीकृत मतदाता हैं, जो इंटरनेशनल IDEA के सदस्य और प्रेक्षक समूह में कुल मतदाताओं का लगभग 44.5% हिस्सा है। इसके बाद अमेरिका में लगभग 234.5 मिलियन और इंडोनेशिया में 204 मिलियन मतदाता हैं। भारत की विशाल चुनावी प्रणाली, तकनीकी नवाचार और संगठनात्मक विशेषज्ञता अन्य देशों के चुनाव प्रबंधन निकायों को भी सशक्त बनाने में मदद करेगी।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- भारत 3 दिसंबर 2026 को इंटरनेशनल IDEA की अध्यक्षता संभालेगा।
- इंटरनेशनल IDEA की स्थापना वर्ष 1995 में हुई थी।
- इसके 35 सदस्य देश और 2 प्रेक्षक राष्ट्र (जापान और अमेरिका) हैं।
- भारत में 991 मिलियन पंजीकृत मतदाता हैं IDEA समूह में सबसे अधिक।
- वर्ष 2003 से इंटरनेशनल IDEA को संयुक्त राष्ट्र महासभा में प्रेक्षक का दर्जा प्राप्त है।
भारत की यह नई भूमिका वैश्विक लोकतांत्रिक सहयोग में एक नया अध्याय जोड़ेगी। चुनावी तकनीक, मतदाता समावेशन, डाटा प्रबंधन और प्रशिक्षण के क्षेत्रों में भारत का अनुभव अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मार्गदर्शन प्रदान करेगा। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में भारत की यह उपलब्धि न केवल उसकी संस्थागत क्षमता का प्रमाण है, बल्कि यह वैश्विक लोकतंत्र को और अधिक मजबूत बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम भी है।