अंडर-19 एशिया कप फाइनल में भारत को करारी हार, पाकिस्तान ने पहली बार जीता एकमात्र खिताब
दुबई में खेले गए अंडर-19 एशिया कप फाइनल में भारत को पाकिस्तान के हाथों 191 रनों की भारी पराजय का सामना करना पड़ा। 348 रनों के विशाल लक्ष्य का पीछा करते हुए भारतीय टीम महज 156 रनों पर सिमट गई। यह पाकिस्तान की इस टूर्नामेंट में पहली एकल खिताबी जीत रही, जिसने उनके जूनियर क्रिकेट ढांचे की गहराई को उजागर किया।
पाकिस्तान ने रखा विशाल स्कोर
टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी करते हुए पाकिस्तान अंडर-19 टीम ने निर्धारित 50 ओवरों में 8 विकेट पर 347 रन बनाए। ओपनर समी़र मिन्हास ने 113 गेंदों में 172 रन की विस्फोटक पारी खेली, जिसमें 17 चौके और 9 छक्के शामिल थे। उनकी आक्रामक बल्लेबाज़ी ने भारतीय गेंदबाज़ी आक्रमण को पूरी तरह हाशिए पर डाल दिया और पाकिस्तान की पारी में लगातार रफ्तार बनाए रखी।
भारत की पारी की तेज़ शुरुआत और फिर बिखराव
लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत ने पहले दो ओवरों में 32 रन जोड़कर तेज़ शुरुआत की, लेकिन इसके बाद पारी लड़खड़ा गई। शुरुआती पांच ओवरों में ही भारत 49 पर तीन विकेट गंवा चुका था। बढ़ते रनरेट और पाकिस्तान की सटीक गेंदबाज़ी के दबाव में भारतीय बल्लेबाज़ नियमित अंतराल पर आउट होते गए। कोई भी मज़बूत साझेदारी नहीं बन पाई और पूरी टीम 26.2 ओवर में 156 रन पर ऑल आउट हो गई।
पाकिस्तान का सधा हुआ गेंदबाज़ी प्रदर्शन
पाकिस्तान के गेंदबाज़ों ने योजना के अनुसार गेंदबाज़ी की। तेज़ गेंदबाज़ अली रज़ा ने चार विकेट लेकर भारतीय बल्लेबाज़ों की कमर तोड़ दी। मोहम्मद सय्यम, अब्दुल सुब्हान और हुज़ैफ़ा अहसन ने दो-दो विकेट लिए। भारत की सबसे बड़ी साझेदारी आखिरी विकेट के लिए 36 रन की रही।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
• अंडर-19 एशिया कप फाइनल दुबई में खेला गया।
• पाकिस्तान ने पहली बार किसी अंडर-19 एशिया कप फाइनल में 340+ रन बनाए।
• समी़र मिन्हास ने इस टूर्नामेंट का दूसरा शतक जड़ा।
• पाकिस्तान ने आखिरी बार 2013 में भारत के साथ संयुक्त रूप से खिताब साझा किया था।
ऐतिहासिक जीत और व्यक्तिगत सम्मान
यह जीत पाकिस्तान की पहली “एकल” अंडर-19 एशिया कप खिताबी जीत रही। समी़र मिन्हास को ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ और ‘प्लेयर ऑफ द सीरीज़’ दोनों खिताबों से नवाज़ा गया, जिससे टूर्नामेंट में उनके निर्णायक प्रदर्शन की पुष्टि होती है। यह फाइनल भारत के लिए यह संकेत भी है कि लंबी फॉर्मेट की अंडर-19 क्रिकेट में पुनर्विचार और रणनीतिक सुधार की आवश्यकता है।