अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह में चक्रवाती चेतावनी के बीच अलर्ट जारी
भारत मौसम विभाग (IMD) द्वारा जारी मौसम परामर्श के बाद अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह को उच्च सतर्कता पर रखा गया है। बंगाल की खाड़ी के ऊपर विकसित हो रही चक्रवाती परिसंचरण प्रणाली के कारण आने वाले दिनों में तेज वर्षा, आंधी-तूफान और समुद्र में ऊँची लहरों की संभावना जताई गई है। प्रशासन ने स्थानीय निवासियों, पर्यटकों और मछुआरों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी है।
मौसम विभाग की चेतावनी और संभावित प्रभाव
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, 21 नवंबर से यह चक्रवाती प्रणाली और अधिक मजबूत हो सकती है। निकोबार द्वीप में भारी से अति भारी वर्षा की संभावना है, जबकि अंडमान द्वीप के कई हिस्सों में भी तेज वर्षा और गर्जन-चमक के साथ आंधी की चेतावनी जारी की गई है। 24 और 25 नवंबर को कई क्षेत्रों में तेज हवाओं और बिजली गिरने की घटनाएँ देखने को मिल सकती हैं।
समुद्र में ऊँची लहरें और तेज हवाएँ
अंडमान सागर में सतही हवाएँ 35 से 45 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती हैं, जो झोंकों में 55 किमी प्रति घंटे तक पहुँचने की संभावना है। समुद्र की स्थिति अत्यंत अशांत रहेगी, जिससे छोटे जहाजों और नौकाओं के लिए खतरा बढ़ सकता है। स्थानीय बंदरगाहों पर एहतियातन चेतावनी संकेत जारी किए गए हैं ताकि कोई दुर्घटना न हो।
मछली पकड़ने और नौका सेवाओं पर रोक
मौसम की प्रतिकूल स्थिति को देखते हुए मछुआरों को 23 नवंबर तक समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है। पर्यटकों और नाव संचालकों को भी सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। द्वीपों के बीच चलने वाली नौका सेवाएँ और मुख्यभूमि से जुड़ी फेरी सेवाएँ मौसम की स्थिति के अनुसार रद्द या स्थगित की जा सकती हैं।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- IMD चक्रवात की चेतावनी समुद्र में बनने वाले निम्न दबाव या चक्रवाती तंत्र के आधार पर जारी करता है।
- स्थानीय बंदरगाहों पर “कौशनरी सिग्नल-3” का अर्थ होता है कि आसपास के क्षेत्र में तेज हवाओं का खतरा है।
- अंडमान सागर का मौसम पूर्वी भारत के तटीय क्षेत्रों के समुद्री परिचालन को भी प्रभावित करता है।
- चक्रवाती परिस्थितियों के दौरान द्वीपों में फेरी सेवाओं को अक्सर स्थगित किया जाता है।