अंग प्रत्यारोपण में लैंगिक संतुलन और दान को बढ़ावा देने के लिए NOTTO की 10-सूत्रीय सलाह

राष्ट्रीय अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (NOTTO) ने अंग प्रत्यारोपण के क्षेत्र में महिलाओं को प्राथमिकता देने और अंग दान को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से एक नई 10-सूत्रीय सलाह जारी की है। इस पहल के तहत, प्रतीक्षा सूची में मौजूद महिला मरीजों और दिवंगत दाताओं के निकट संबंधियों को लाभार्थी के रूप में अतिरिक्त प्राथमिकता दी जाएगी।

महिलाओं और दिवंगत दाताओं के परिजनों को प्राथमिकता

NOTTO निदेशक अनिल कुमार द्वारा राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि महिलाओं के लिए प्रतीक्षा सूची में अतिरिक्त अंक जोड़े जाएंगे, ताकि लैंगिक असमानता को कम किया जा सके। साथ ही, यदि किसी दिवंगत दाता का निकट संबंधी अंग प्रत्यारोपण का इंतजार कर रहा है, तो उसे भी प्राथमिकता दी जाएगी।

पारदर्शिता और अनिवार्य पंजीकरण

स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, गुर्दा, हृदय, यकृत, फेफड़े, हृदय-फेफड़ा और कॉर्निया जैसे प्रमुख अंगों के आवंटन मानक पहले से निर्धारित हैं, जिनमें बीमारी की अवधि, प्रतीक्षा समय, बीमारी की गंभीरता, बच्चों और जीवित दाताओं की आवश्यकताएं, रक्त समूह, आयु, आकार, स्थानीय उपलब्धता और भौगोलिक निकटता को ध्यान में रखा जाता है।नए दिशा-निर्देशों के तहत, सभी प्रत्यारोपण अस्पतालों को प्रत्येक दाता और प्राप्तकर्ता का विवरण राष्ट्रीय डिजिटल रजिस्ट्री में दर्ज करना अनिवार्य होगा, अन्यथा कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।

अंग दान के लिए बुनियादी ढांचे का विकास

राज्यों से अनुरोध किया गया है कि —

  • सभी ट्रॉमा सेंटरों में अंग और ऊतक प्राप्ति की सुविधा विकसित करें और उन्हें अंग प्राप्ति केंद्र के रूप में पंजीकृत करें।
  • मेडिकल कॉलेजों में चरणबद्ध तरीके से ऐसी सुविधाएं विकसित की जाएं।
  • सड़क दुर्घटनाओं और स्ट्रोक पीड़ितों में संभावित मृत दाताओं की जल्द पहचान के लिए आपातकालीन कर्मियों और एंबुलेंस स्टाफ का प्रशिक्षण किया जाए।
  • प्रत्येक प्रत्यारोपण करने वाले अस्पताल में स्थायी ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर पद सृजित किए जाएं।

जनजागरूकता और सम्मान

सलाह में यह भी कहा गया है कि 15 अगस्त, 26 जनवरी या राज्य स्थापना दिवस पर दिवंगत अंग दाताओं को सार्वजनिक रूप से सम्मानित किया जाए और उनके परिवार को श्रद्धांजलि दी जाए। इसके अलावा, राज्यों को जागरूकता अभियान के लिए राज्य स्तरीय ब्रांड एंबेसडर नियुक्त करने की भी सिफारिश की गई है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • NOTTO की स्थापना 2014 में हुई, यह भारत में अंग और ऊतक प्रत्यारोपण की राष्ट्रीय नोडल एजेंसी है।
  • THOTA अधिनियम, 1994 अंगों और ऊतकों के प्रत्यारोपण की कानूनी रूपरेखा प्रदान करता है।
  • 2024 में भारत ने 18,900 से अधिक अंग प्रत्यारोपण किए, जो अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है।
  • 2023 में शुरू हुई आधार-आधारित ऑनलाइन प्रतिज्ञा प्रणाली से अब तक 3.3 लाख से अधिक लोगों ने अंग दान की शपथ ली है।

अंततः, NOTTO की यह पहल न केवल लैंगिक असमानता को कम करने की दिशा में एक कदम है, बल्कि अंग दान की संस्कृति को मजबूत करने, पारदर्शिता बढ़ाने और स्वास्थ्य प्रणाली में विश्वास कायम करने का भी प्रयास है। इससे देश में प्रत्यारोपण के इंतजार कर रहे हजारों मरीजों को नई उम्मीद मिल सकती है।

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