मुंडा जनजाति

मुंडा जनजाति

मुंडा जनजाति पश्चिम बंगाल के निवासी हैं और इसके अलावा वे छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, असम और ओडिशा में रहते हैं।

समाज को ‘पंचायत’ द्वारा नियंत्रित किया जाता है और एक ‘अखाड़ा’ होता है, जो ग्रामीणों के मनोरंजन का माध्यम है। उन्होंने सरकार की पारा प्रणाली का निर्माण किया, जो मूल रूप से एक ‘ग्राम सरकारों की संघि’ है।

मुंडा जनजाति का मुख्य व्यवसाय कृषि, शिकार आदि हैं।

मुंडा जनजाति का धर्म
मुंडा जनजाति मुख्य रूप से हिंदू धर्म का पालन करती हैं। काफी लोगों ने अपने पारंपरिक व्यवहार को भी बरकरार रखा है। कुछ ईसाई धर्म के अनुयायी भी हैं। ‘सरना’ मुंडा जनजाति में एक मंदिर की जगह है। ‘सिंगबोंगा’ सर्वोच्च ईश्वर है।

मुंडा जनजाति के त्योहार
त्योहार इस आदिवासी समुदाय का एक प्रमुख हिस्सा हैं। मुंडा, फागु, करम, सरहुल और सोहराई मुंडा जनजातियों के बीच मनाए जाने वाले कुछ त्योहार हैं। वे अपने त्योहारों और आदिवासी अवसरों में ‘नूपुर’ नृत्य करते हैं।

Originally written on August 11, 2019 and last modified on August 11, 2019.

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