भारतीय विरासत संस्थान (Indian Institute of Heritage) क्या है?

भारतीय विरासत संस्थान (Indian Institute of Heritage) क्या है?

केंद्रीय संस्कृति मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने हाल ही में भारतीय विरासत संस्थान स्थापित करने के प्रस्ताव की समीक्षा की।

भारतीय विरासत संस्थान

भारतीय विरासत संस्थान संस्कृति मंत्रालय के तहत एक प्रस्तावित संस्थान है। इसे 2020-21 के बजट के हिस्से के रूप में घोषित किया गया था। इसकी स्थापना सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत की जाएगी।

इसे कला और विरासत अध्ययन में उत्कृष्टता के केंद्र के रूप में स्थापित किया जायेगा और एक ‘डीम्ड विश्वविद्यालय’ का दर्जा हासिल होगा। वर्तमान में IGNCA और भारत के राष्ट्रीय अभिलेखागार जैसे विभिन्न संस्थानों द्वारा चलाये जा रहे प्रमाणपत्र और डिप्लोमा पाठ्यक्रम भारतीय विरासत संस्थान के तहत लाए जायेंगे।

महत्व

इस संस्थान की स्थापना पुरातत्व और संग्रहालय जैसे विषयों में ज्ञान के लिए की जा रही है।

पृष्ठभूमि

वित्त मंत्री ने संग्रहालय की स्थापना और अन्य गतिविधियों के लिए संस्कृति मंत्रालय को 3,150 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। संस्थान के साथ, झारखण्ड के रांची में एक जनजातीय संग्रहालय स्थापित करने का भी प्रस्ताव रखा गया है। इसके अलावा, हस्तिनापुर, राखीगढ़ी, शिवसागर, आदिचनल्लूर और धोलावीरा में पांच प्रतिष्ठित स्थलों को विकसित करने के लिए भी इस फण्ड का उपयोग किया जायेगा।

राखीगढ़ी

यह हरियाणा में स्थित है। यह हड़प्पा सभ्यता की पाँच बस्तियों में से एक है। हड़प्पा सभ्यता की लगभग 62 कब्रों की खोज राखीगढ़ी में की गई थी।

हस्तिनापुर

यह उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में स्थित है। इस स्थान पर सिरेमिक उद्योग की खोज की गयी है। इसे पेंटेड ग्रे वेयर नाम दिया गया था और इसका उपयोग प्रारंभिक इंडो-आर्यों द्वारा किया जाता था।

शिवसागर

इस स्थान पर खुदाई 2007-08 में आयोजित की गई थी। इस स्थल पर बर्तन, कटोरे इत्यादि सामान प्राप्त हुए थे।

धोलावीरा

यह गुजरात में स्थित है। इस स्थान पर एक पूर्ण जल प्रणाली पाई गई थी। यह स्थान हड़प्पा सभ्यता से संबंधित है।

आदिचनल्लूर

यह तमिलनाडु में स्थित है। इस स्थान पर प्राचीन तमिल-ब्राह्मी लिपि की खोज, टूटे हुए मिट्टी के बर्तनों के टुकड़े और आवासीय स्थानों के अवशेष मिले हैं।

Originally written on December 20, 2020 and last modified on December 20, 2020.

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