नई दिल्ली में शहीद भगत सिंह स्मारक का उद्घाटन किया गया

शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने नई दिल्ली में शहीद भगत सिंह स्मारक का उद्घाटन 23 मार्च, 2021 को किया गया।

मुख्य बिंदु

दिल्ली विश्वविद्यालय के वाईसरीगल लॉज के बेसमेंट में स्थित कक्ष में शिक्षा मंत्री ने भगत सिंह को श्रद्धांजलि दी। इस कक्ष में भगत सिंह को कैद कर लिया गया था। भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की शहादत के 90 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में विश्वविद्यालय ने एक कार्यक्रम आयोजित किया था। इस अवसर पर, स्वतंत्रता सेनानियों पर पुस्तकों का एक मौजूदा संग्रह, जिसे “शहीद स्मृति पुस्तकालय” में परिवर्तित किया गया है। भगत सिंह स्मारक छात्रों और विश्वविद्यालय समुदाय के लिए स्वतंत्रता और बलिदान के मूल्यों को स्थापित करने के लिए खुला रहेगा।

भगत सिंह

वह एक भारतीय क्रांतिकारी और भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के दो नायक थे, जो 23 साल की उम्र में शहीद हो गये थे। भगत सिंह और उनके सहयोगी शिवराम राजगुरु ने दिसंबर 1928 में एक ब्रिटिश पुलिस अधिकारी जॉन सॉन्डर्स को गोली मार दी थी। इसके बाद, भगत सिंह (23 वर्ष की आयु) को दोषी ठहराया गया और 23 मार्च, 1931 को उन्हें फांसी दे दी गई।

पृष्ठभूमि

भगत सिंह का जन्म 1907 में ब्रिटिश भारत के पंजाब प्रांत में हुआ था। उनके जन्म के समय, उनके पिता किशन सिंह और दो चाचा, अजीत सिंह और स्वर्ण सिंह जेल से रिहा हुए। उनके पिता और चाचा ग़दर पार्टी के सदस्य थे जिनका नेतृत्व करतार सिंह सराभा और हर दयाल ने किया था।

शिवराम हरि राजगुरु (Shivaram Hari Rajguru)

वह महाराष्ट्र से एक भारतीय क्रांतिकारी थे। उन्हें ब्रिटिश राज पुलिस अधिकारी की हत्या में शामिल होने के लिए जाना जाता था। उन्हें भगत सिंह और सुखदेव थापर के साथ 23 मार्च 1931 को ब्रिटिश सरकार ने फांसी दे दी थी।

सुखदेव थापर (Sukhdev Thapar)

वे हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन के वरिष्ठ सदस्य थे। उन्होंने भगत सिंह और शिवराम राजगुरु के साथ कई कार्यों में भाग लिया। सुखदेव को 23 मार्च 1931 को भगत सिंह और राजगुरु के साथ हत्या के मामले में फांसी दी गई थी।

Originally written on March 25, 2021 and last modified on March 25, 2021.

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