केंद्र सरकार ने नए बिजली नियम अधिसूचित किए
केंद्रीय विद्युत मंत्रालय ने उपभोक्ताओं के बिजली के अधिकारों को निर्धारित करते हुए, भारत में “बिजली (उपभोक्ताओं के अधिकार) नियम” नामक नए बिजली नियमों को अधिसूचित किया है।
मुख्य बिंदु
- ये नियम बिजली के उपभोक्ताओं को सशक्त बनाएंगे।
- इन नियमों को इस तथ्य पर विचार करते हुए अधिसूचित किया गया था कि, भारत भर में वितरण कंपनियां एकाधिकार स्वरुप में हैं और उपभोक्ता के पास कोई विकल्प नहीं है।
- यह नियम भारत में व्यापार करने में आसानी को भी आगे बढ़ाएंगे क्योंकि इसके कार्यान्वयन से यह सुनिश्चित होगा कि उपभोक्ताओं को नए बिजली कनेक्शन, रिफंड और अन्य सेवाएं समयबद्ध तरीके से प्रदान की जा सके।
बिजली (उपभोक्ताओं के अधिकार) नियमों के अंतर्गत आने वाले प्रमुख क्षेत्र :
- उपभोक्ताओं के अधिकार और वितरण लाइसेंसधारियों के दायित्व
- उपभोक्ता के रूप में उपभोक्ता
- नया कनेक्शन जारी करना और मौजूदा कनेक्शन का संशोधन
- मीटरिंग व्यवस्था
- आपूर्ति की विश्वसनीयता
- बिलिंग और भुगतान
- लाइसेंसधारी के प्रदर्शन के मानक
- मुआवजा तंत्र
- शिकायत निवारण तंत्र
- उपभोक्ता सेवाओं के लिए कॉल सेंटर
नियमों के प्रमुख प्रावधान
- प्रत्येक वितरण लाइसेंसधारी (distribution licensee) का यह कर्तव्य होगा कि वह स्वामी या अधिभोगी के अनुरोध पर विद्युत आपूर्ति करे।
- नए कनेक्शन जारी करने और मौजूदा कनेक्शन में संशोधन पारदर्शी और समयबद्ध प्रक्रियाओं में किया जाएगा। मेट्रो शहरों में 7 दिन, नगर निगम क्षेत्र में 15 दिन जबकि ग्रामीण इलाकों में 30 दिन में प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।
- बिना मीटर के कनेक्शन नहीं दिया जाएगा।
- प्रदर्शन के उल्लंघन के मामले में वितरण लाइसेंसधारियों द्वारा स्वचालित रूप से उपभोक्ताओं को मुआवजा राशि का भुगतान किया जाएगा।
- उपभोक्ता शिकायत निवारण फोरम (CGRF) में उपभोक्ता और अभियोजक के प्रतिनिधि शामिल होंगे। इसके तहत 45 दिनों के भीतर शिकायतों का समाधान किया जाएगा।
Originally written on
October 4, 2021
and last modified on
October 4, 2021.